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Thursday, November 21

युवा रचनाकारों ने किया राजस्थानी कविता पाठ

अभिनव न्यूज, बीकानेर। सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बीकानेर के तत्वावधान में समकालीन राजस्थानी युवा कविता के स्वर कार्यक्रम की पांचवी कड़ी का आयोजन रविवार को इंस्टीट्यूट सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारे समय की युवा कविता नए बिम्ब प्रस्तुत करती नजर आती है, उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लिखी जा रही राजस्थानी कविता उच्च मुकाम पर है। मुख्य अतिथि कवयित्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास ने कहा कि कविता आत्म की अभिव्यक्ति है।

कविता शब्दों के माध्यम से हमारी पीडा और हमारे आनंद का प्रकटन है। युवा कवयित्री-गीतकार मीनाक्षी स्वर्णकार ने लगभग एक दर्जन सौन्दर्य बोध की रचनाएं रेत , चेत मानखा, हवेल्यां मांय प्रेम, तूं विधाता नीं है, तूं विधाता बणनै री खेचळ ना कर , कियां जीवां जीवड़ा, आंसू एवं ओ लिखारा जैसी शानदार प्रस्तुति से खूब दाद लूटी। युवा कवि-गीतकार आनंद कुमार पुरोहित ने मून मारे चिरळाटी, असल पिछाण, मत मारो मन नै, थारो चितराम बणाऊं हूं जैसी भावपूर्ण आधुनिक राजस्थानी कविताएं सुनाई एवं धींगाणे एवं भाईडा आवो नी म्हारा गिरधारी, नव सूरज रो नव उजियारो फैलावां राजपूताने में जैसे गीत सुनाए। कवि मनोज रतन व्यास ने नूवो दिन, बस, चाल्यां राख, कमाणो ई पड़सी, खुद सुं सांमेलो , आव बणा पैलां जिसा एवं प्रीत शीर्षक की दर्शन की आधा दर्जन कविताएं सुनाई। प्रारंभ में कार्यक्रम प्रभारी साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि आगामी समय में संस्थान द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, स्वर्णकार ने युवाओं को राजस्थानी भाषा-संस्कृति से जोड़ना एवं निरंतर बनाए रखने को आवश्यक बताया। जागती जोत के सम्पादक डाॅ. नमामी शंकर आचार्य ने तीनों कवियों की रचनाओं पर त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा कि आज राजस्थानी के युवा रचनाकारों को सुनकर लगा कि अब राजस्थानी काव्यधारा अपने पैर आगे बढा रही है। बागेश्वरी कला साहित्य संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए कार्यक्रम के अंत में शायर अब्दुल शकूर सिसोदिया ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन कवि कैलाश टाक ने किया। कार्यक्रम में रवि पुरोहित, मनीषा आर्य सोनी , डाॅ.गौरीशंकर प्रजापत, डाॅ.मोतीलाल, डाॅ.फारुख चौहान, महेश उपाध्याय , प्रो. डॉ. नरसिंह बिनानी, डॉ मनस्विनी सोनी , डॉ अखिलानंद पाठक, ताराचन्द सोनी, बाबू बमचकरी ,भावना सोनी, झंवरा देवी, अरुण सोनी सहित अनेक महानुभाव उपस्थित हुए।

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