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Friday, September 20

विदेशी गिफ्ट व कस्टम ड्यूटी के नाम पर महिला कांस्टेबल को बनाया साइबर ठगी का शिकार

अभिनव न्यूज, अजमेर। आमजन को सतर्क और मुस्तैदी की नसीहत देने वाले पुलिस महकमे की महिला पुलिस कांस्टेबल 13 लाख 55 हजार रुपए की साइबर ठगी का शिकार हो गई। खास बात यह रही कि महिला साइबर ठग ने यू.के से भेजे गए कीमती गिफ्ट व विदेशी मुद्रा का झांसा देते हुए कस्टम ड्यूटी के नाम पर रकम वसूलती चली गई। अब पीडि़ता ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया।

कुन्दननगर निवासी सुशीला कुमारी ने रिपोर्ट दी कि वह जीआरपी लाइन में महिला कांस्टेबल पद पर है। गत 12 मार्च सुबह 10ः30 बजे उसको उसके मोबाइल फोन पर काॅल आया। मोबाइल पर महिला ने बात करते हुए स्वयं को कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि आपका यू.के. से गिफ्ट पार्सल एवं विदेशी मुद्रा 60 हजार पॉंड भेजे गए है। उसने पहली बार में उसकी बात को नजरअंदाज कर कॉल काट दिया। इसके बाद उसको पुनः उस नम्बर से कॉल आया। अज्ञात महिला कॉलर ने कहा कि यदि आप गिफ्ट नहीं लेंगे तो आपका बहुत नुकसान हो जाएगा। उस महिला ने कहा कि रकम बडी है। इसके लिए आपको इन्कम टेक्स भी भुगतान करना होगा। जिसे उसके खाते में पुनः रिटर्न कर दिया जाएगा।
टैक्स के नाम पर वसूली
पीडि़ता ने शिकायत में बताया कि महिला ठग ने कस्टम ड्यूटी के नाम पर फोन-पे से मोबाइल नम्बर पर 42 हजार 500 रुपए का भुगतान मांगा। उसने महिला के बताए नम्बर पर फोन-पे कर दिए। फिर 13 मार्च सुबह 10 बजे पुनः काॅल आया। उसको एक लाख 85 हजार रुपए और जमा करवाने के लिए कहा जोकि उसकी चार्ज राशि हैं। उक्त राशि जमा करवाने के लिए बैक ऑफ महाराष्ट्र का खाता नम्बर दिया। उक्त खाता पंकज के नाम से हैं। उसने पुनः चार्ज राशि जमा करवा दी।
फिर दिखाया 60 लाख का सब्जबाग
पीडि़ता ने शिकायत में बताया कि उसको उसे महिला का पुनः काॅल आया। उसने बताया कि आपको जो राशि मिलने वाली रकम भारतीय मुद्रा में 60 लाख रुपए है। जिसका इनकम टैक्स उसे 4 लाख 90 हजार देने पड़ेंगे। उसने 14 मार्च को 4 लाख 90 हजार को जमा करवाए। महिला कस्टम अधिकारी का फिर से काॅल आया और कुल टैक्स 12 लाख 85 हजार रुपए देना बताया। शेष रकम 6 लाख 37500 भी उसने उसके बैंक खाते में जमा करवाए गए जोकि मैसेज से उसे दिया गया था।
बैंक से लिया पर्सनल लोन
पीडि़ता ने बताया कि उसने इतनी बड़ी रकम जमा कराने के लिए बैंक से पर्सनल लोन लेकर भुगतान किया। उसको जब संज्ञान में आया कि उसके साथ महिला कस्टम अधिकारी बनकर धोखाधड़ी कर रही है तो उसने तुरन्त प्रभाव से 1930 पोर्टल पर शिकायत आनलाइन दर्ज करवा दी। उसने मामले में अलवरगेट थाने में भी सम्पर्क किया लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। आखिर उसने फिर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

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