अभिनव न्यूज
भीलवाड़ा। जिले में आयोजित हो रहे महंगाई राहत कैम्प में शनिवार को एक अजीब मामला देखने को मिला। 76 साल की एक बुजुर्ग महिला अपनी पोती के साथ कैम्प में पहुंची और अपने जिंदा होने का प्रमाण पत्र देने का अनुरोध करने लगी। जिसे सुनने के बाद कैम्प में अधिकारी व कर्मचारी हैरान हो गए। बुजुर्ग महिला ने कहा कि सरकार के रिकार्ड में उसे मरे हुए 6 साल हो गए हैं। छह साल से वह अपने जिंदा होने का रिकार्ड दर्ज करवाने के लिए भटक रही है। मामला आसींद उपखंड का है।
दरअसल, ईरास में रहने वाली कोयल जाट अपनी 76 साल की दादी मेथीदेवी जाट को लेकर महंगाई राहत शिविर में पहुंची थी। उसने अधिकारियों को बताया कि उसकी दादी का जन्म 1947 में हुआ था और सरकारी रिकार्ड में उसे 2017 में मृत बता दिया गया। उसके बाद से मेथी देवी को मिलने वाली सभी योजनाओं के फायदे भी बंद हो गए।
कोयल ने बताया कि दादी को जिंदा बताने के लिए उन्होंने कई बार अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटे लेकिन काम नहीं बना। अब सभी अधिकारी कैम्प में एक ही जगह मिल रहे है। इससे दादी के जीवित होने का प्रमाण पत्र यही मिलना आसान हो गया। आसींद एसडीएम चंद्रप्रकाश वर्मा ने बताया कि मेथीदेवी की समस्या को हल करने के लिए तहसीलदार भंवरलाल सैन ने पूरा प्रयास किया। तहसीलदार ने कैम्प में खुद खड़े होकर उनका जीवित प्रमाण पत्र बनाया।