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Sunday, November 10

भैरोसिंह शेखावत के बाद राजस्थान से दूसरे उपराष्ट्रपति होंगेः जगदीप धनखड़

अभिनव न्यूज

NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए गए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ वकालत से लेकर राजनीति तक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं। मौजूदा सियासी समीकरणों के ​आधार पर जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद पर चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।

झुंझुनू निवासी धनखड़ के जीतने के बाद संसद के दोनों सदनों को चलाने वाले राजस्थान के नेता होंगे। कोटा से सांसद ओम बिडला लोकसभा अध्यक्ष हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, इस लिहाज से धनखड़ राज्यसभा चलाएंगे।

हाई प्रोफाइल मुकदमों की पैरवी की
झुंझुनू जिले के एक छोटे से गांव किठाना में पैदा हुए जगदीप धनखड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वकालत की। हाईकोर्ट में कई हाई प्रोफाइल मुकदमों की पैरवी की। जेपी आंदोलन के दौरान भी धनखड़ सक्रिय रहे थे।

वकालत से लेकर सियासत तक दोनों मोर्चों पर धनखड़ बराबर अपना लोहा मनवाते रहे हैं। दिग्गज नेता देवीलाल के नजदीक रहे। पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत के भी नजदीकी रहे हैं। जनता दल से सांसद, कांग्रेस से विधायक रहे। केंद्र में लॉ मिनिस्टर रहे।

संघ के प्रति झुकाव बढ़ा
90 के दशक के बाद जगदीप धनखड़ RSS में सक्रिय हुए। उन्होंने वकीलों का संगठन बनाकर उन्हें संघ से जोड़ना शुरू किया। अधिवक्ता परिषद के गठन में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। अधिवक्ता परिषद में काम करने से उनके RSS और BJP के टॉप नेताओं से संपर्क बढ़े। राज्यपाल बनने से पहले तक वे वकालत के साथ संगठन के कामों में लगातार एक्टिव रहे।

जगदीप धनखड़ के पैतृक गांव में जश्न का माहौल
एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद धनखड़ के पैतृक गांव किठाना (झुंझुनू) में खुशी का माहौल है। गांव वालों ने मिठाइयां बांटीं। धनखड़ कुछ समय पहले ही पैतृक गांव गए थे, जहां उन्होंने विकास के कामों का लोकार्पण भी किया था।

धनखड़ के सभी पार्टियों के नेताओं से अच्छे संपर्क
जगदीप धनखड़ के भाई रणदीप धनखड़ कांग्रेस नेता हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) के अध्यक्ष रहे हैं। जगदीप धनखड़ के राजस्थान के सभी पार्टियों के नेताओं से अच्छे संपर्क हैं।

सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के स्टूडेंट रहे हैं
18 मई 1951 को झुंझुनू जिले में साधारण किसान परिवार में पैदा हुए जगदीप धनखड़ की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई। फिर उनका एडमिशन सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में करवाया गया। धनखड़ का NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में सिलेक्शन हो गया था, लेकिन वो गए नहीं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद LLB की पढ़ाई की। जयुपर में ही रहकर वकालत शुरू की थी।

वसुंधरा ने दी बधाई
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को बधाई दी है। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है।

NDA उम्मीदवार की जीत तय क्यों है
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है। उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं। इनमें चुने गए और मनोनीत दोनों सदस्य वोट डाल सकते हैं।

अब आंकड़ों से जानिए कितने सदस्य वोट डालेंगे
अभी लोकसभा में पूरे 543 सांसद हैं। राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। इनमें 12 नामित रहते हैं। अभी 8 सीटें खाली हैं। इनमें से 4 जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के कारण जबकि एक सीट त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने माणिक साहा ने छोड़ी है। 3 नामित सदस्यों की सीट भी खाली हैं। यानी आज की स्थिति में चुनाव में 237 राज्यसभा सांसद वोट करेंगे।

कुल वोटर्स की संख्या
लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 237 सदस्य मिलाकर कुल 780 सदस्य हैं।

जीतने के लिए वोट
प्रथम वरीयता के 391 वोट मिलने पर उम्मीदवार जीत जाएगा।

अभी भाजपा की ताकत
लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं जबकि राज्यसभा में 91 यानी अकेले भाजपा के वोटर्स मिलाकर 394 वोट हैं। 5 नामित सदस्य मिलाकर यह संख्या 399 हो जाती है।

सहयोगी दल
अभी लोकसभा में 31 और राज्यसभा में 16 सांसदों का समर्थन भाजपा को मिला है। ये मिलाकर NDA के 446 वोट हो जाते हैं। यानी NDA ‌उम्मीदवार की जीत पक्की है।

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