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Friday, September 20

कानासर में रेलवे ट्रैक पर बनेगा 1110 मीटर लंबा आरओबी:आरओबी पर 45 कराेड़ रुपए की लागत आएगी, पीडब्ल्यूडी ने रेलवे को भेजी जीएडी

अभिनव न्यूज
बीकानेर।
जोधपुर-जैसलमेर से आने और श्रीगंगानगर-जयपुर जाने वाले वाहन चालकों को फायदा कानासर गांव में जयपुर-श्रीगंगानगर-जैसलमेर बाइपास सड़क पर 1110 मी. लंबा आरओबी बनेगा। इससे जोधपुर-जैसलमेर से आने वाले और श्रीगंगानगर-जयपुर की ओर जाने वाले वाहनों को फायदा होगा। इसके अलावा कानासर के नजदीकी गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को भी आने-जाने में सुविधा होगी।

बीकानेर जिले के कानासर गांव से गुजरने वाला जयपुर-श्रीगंगानगर-जैसलमेर बाइपास बहुत महत्वपूर्ण है। बाइपास पर रेलवे क्रॉसिंग है जो ट्रेनों के आने-जाने पर बार-बार बंद होती है। इस बाइपास पर लंबे समय से आरओबी की आवश्यकता जताई जा रही थी।

रेलवे ने इस समपार संख्या 147 पर 206794 ट्रेन व्हीकल यूनिट्स माना है जो एक लाख टीयूवी से कहीं ज्यादा है। इसे देखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे ने केन्द्रीय सड़क और अवसंरचना निधि के तहत सेतु बंधन योजना में 21 फरवरी, 2023 को आरओबी बनाने की स्वीकृति जारी कर दी।

उसके बाद राज्य सरकार ने बजट 23-24 में इस आरओबी की घोषणा की है। कानासर में बनने वाला आरओबी 1110 मी. लंबा और 11 मी. चौड़ा आरओबी टू लेन होगा। इसके दोनों ओर 5.50-5.50 मी. चौड़ी सड़कें और उसके बाद डेढ़-डेढ़ मी. के फुटपाथ होंगे।

आरओबी पर 4501.2 लाख रुपए की लागत आएगी, जिसकी स्वीकृति मिल गई है। पीडब्ल्यूडी ने आरओबी की जीएडी बनाकर रेलवे को सौंप दी है और उप रेलवे के हेडक्वार्टर से स्वीकृति मिलने पर काम शुरू किया जाएगा।

रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी बनने से जोधपुर-जैसलमेर से आने वाले और श्रीगंगानगर-जयपुर की ओर जाने वाले भारी वाहनों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग बार-बार बंद होने के कारण रोजाना सैकड़ों वाहनों को इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा आसपास के गांवों में रहने वाले लोग भी परेशान होते हैं। आरओबी बनने से बड़ी समस्या का समाधान होगा।

5 साल पहले मिले थे पीपीआर-जीएडी बनाने के लिए 14 लाख रु.

रेलवे के ऐसे समपार जहां टीवीयू एक लाख से ज्यादा है, वहां आरओबी या आरयूबी बनने हैं। कानासर के समपार संख्या 147 पर रेलवे ने 2 लाख से ज्यादा टीवीयू माना है। इसलिए कानासर में आरओबी बनना तय था और पिछले पांच सालों से प्रयास किए जा रहे थे।

वर्ष, 18 में पीडब्ल्यूडी को प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट और जीएडी के लिए 14 लाख रुपए मिले थे। पीडब्ल्यूडी ने कई बार पीपीआर और जीएडी बनाकर रेलवे को सौंपी और रेलवे ने इसमें बार-बार संशोधन कराए। पीडब्ल्यूडी ने 5 अप्रैल, 23 को फाइनल जीएडी रेलवे को सौंप दी।

मोर्थ ने सीआरआईएफ योजना में कानासर आरओबी स्वीकृत कर दिया है। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता कार्यालय से प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है। रेलवे को फाइनल जीएडी बनाकर सौंप दी है।– भगवतीप्रसाद कलाल, कलेक्टर

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