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Sunday, November 24

क्या है कोरोना का नया वैरिएंट, कहां से आया और कितना खतरनाक, यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। देश में एक बार फिर कोरोना वायरस की चर्चा होने लगी है जहां कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के अब तक 21 नए मरीज मिल चुके हैं जिसके बाद कोरोना की वापसी को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. देशभर के आंकड़ें देखें तो गुरुवार को 358 नए कोरोना मरीज पाए गए. वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO से लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है और इस नए वैरिएंट JN.1 की टेस्टिंग समेत तमाम उपाय किए जा रहे हैं.

मालूम हो कि JN.1 वैरिएंट का पहला मरीज केरल में पाया गया था जिसके बाद केरल, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में नए मामले देखे गए हैं. आइए जानते हैं कि ये नया वैरिएंट कहां से आया और इसके क्या लक्षण हैं. वहीं इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.

कहां से आया है जेएन.1 और कहां-कहां फैला?

जानकारी के मुताबिक कोविड-19 के इस सब-वैरिएंट का पहला मामला लक्जमबर्ग में मिला था जो कि ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है. बता दें कि इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है जिसमें स्पाइक प्रोटीन आल्‍टरेशन है. जानकारों का कहना है कि कोविड का यह वैरिएंट अधिक संक्रामक और इम्‍यून सिस्‍टम को छकाने वाले है.

दरअसल भारत में जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को मिला था जहां केरल में 79 साल के एक बुजुर्ग महिला संक्रमित पाई गई थी. इसके अलावा कोरोना के इस वैरिएंट की अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड में मामले मिले हैं.

क्या नया वैरिएंट खतरनाक है?

WHO ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि JN.1 BA.2.86 से जुड़ा है जो ओमिक्रॉन का ही एक वंशज है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 के ये दोनों ही वैरिएंट लगभग एक जैसे ही हैं हालांकि इनके स्पाइक प्रोटीन में कुछ फर्क है. बता दें कि स्‍पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा होता है जो मानव कोशिकाओं पर हमला करता है.

नए वैरिएंट JN.1 के क्या है लक्षण

बता दें कि कोरोना के इस नए वैरिएंट के लक्षणों में बुखार, थकान, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, खांसी और कंजेशन शामिल है. वहीं कुछ मरीजों को स्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्याएं भी देखी गई है.

हेल्थ एक्सपर्ट वीके पॉल ने नए वैरिएंट को लेकर बताया कि इस संक्रमण की चपेट में आए लगभग 91 से 92 फीसदी लोग अपने घर पर ही इलाज करवा रहे हैं. वहीं कोविड-19 के कारण अभी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर में कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं हुई है.

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