अभिनव न्यूज।
जोधपुर: एमडीएम आर्थोपेडिक विभाग में ओपीडी खत्म होते ही इतनी जल्दबाजी दिखाई गई कि अंदर एक मरीज को ही ताले में बंद कर दिया गया। पट्टी करवाने आया यह मरीज पूरे 2 घंटे बाहर निकलने के लिए चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आखिरकार वहां से गुजरती एक फार्मासिस्ट ने जब आवाजें सुनीं तो ताला खुलवाकर मरीज डेगाना निवासी सुरजान को बाहर निकलवाया।
डेगाना निवासी सुरजान के पैर का दो माह पहले डॉ. नरेंद्र ने ऑपरेशन किया था। वह गुरुवार को फिर से पट्टी करवाने आया था। डॉक्टर ने एक्सरे करवाकर पट्टी करवाने के लिए कहा। पट्टी हो भी गई, लेकिन मरीज के बाहर निकलने से पहले ही किसी ने लॉक कर दिया। अंदर बंद सुरजान दो घंटे आवाजें देता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना। जानकारी के अनुसार डीडीसी दुकान पर कार्यरत फार्मासिस्ट को कुछ आवाजें सुनाई दीं।
वह आवाज की दिशा में ढूंढ़ते-ढूंढते आॅर्थोपेडिक ओपीडी के पास पहुंचा। वहां उसे मरीज अंदर बंद मिला। इस पर उसने एमडीएम हॉस्पिटल स्थित पुलिस चौकी में जानकारी दी। पुलिसकर्मी सरस्वती ने तकरीबन 5 बजे चाबी मंगाकर ताला खोलकर मरीज को बाहर निकाला।
मरीज बोला, अंदर सांस तक नहीं आ रही थी
मरीज सुरजान बोला कि यह जिम्मेदारों की घोर लापरवाही रही कि उन्होंने बिना ओपीडी को चेक किए ही मुझे ताले में बंद कर दिया। मैं पूरे 2 घंटे ओपीडी में बंद रहा। अंदर बंद होने के कारण सांस तक नहीं आ रही थी।