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Friday, November 22

सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा हैं CM की नेता…सचिन पायलट का गहलोत पर पलटवार, अजमेर से पदयात्रा का भी ऐलान

अभिनव न्यूज
जयपुर
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की ओर से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को लेकर दिए गए बयान के बाद राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है. गहलोत के बयान के बाद उनके धुर प्रतिद्वंदी सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने उन पर बड़ा हमला किया है. पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि सीएम की नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं. सरकार को बचाने के लिए वसुंधरा राजे का नाम लेना विरोधाभास पैदा करता है. सीएम इसे समझाए. पायलट ने आज खुलकर बड़े बातें कही और अजमेर से पदयात्रा का भी ऐलान किया

पायलट ने मंगलवार को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मेरे पर देशद्रोह राष्ट्रद्रोह के मामले लगाए. हम दिल्ली गए. आलाकमान ने कमेटी बनाई. हम सबने राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी को जिताया. हमने अनुशासन नहीं तोड़ा. बकौल पायलट मुझे कोरोना, निक्कमा और गद्दार कहा. हम पार्टी को नुकसान नही पहुंचाना चाहते थे. कांग्रेस के विधायकों का अपमान हुआ. सीएम बीजेपी नेताओं का गुणगान कर रहे हैं

11 मई से अजमेर से निकालेंगे पदयात्रा
इस दौरान पायलट ने 11 मई से अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का भी ऐलान किया. यह पदयात्रा पांच दिन की होगी. पायलट ने कहा कि मैं नाउम्मीद हूं. भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर कार्रवाई नहीं होगी. जनता भगवान है

पायलट बोले बिक गए तो आपने तीन साल में कार्रवाई क्यों नहीं की
पायलट यही नहीं थमे और उन्होंने कहा कि हेमाराम चौधरी और बृजेन्द्र ओला जैसे नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं. सीएम के आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं. मैं इन आरोपों की निंदा करता हूं. पायलट बोले बिक गए तो आपने तीन साल में कार्रवाई क्यों नहीं की. सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को माकन और खड़गे को जयपुर भेजा था. जयपुर में बैठक नहीं होना गद्दारी थी. इस्तीफा दिलवाना गद्दारी थी. अपने नेताओं को खुश करने के लिए चुगली करते हैं नेता

सीएम गहलोत ने धौलपुर के राजाखेड़ा में यह कहा था
उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने रविवार को धौलपुर के राजखेड़ा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश मेघवाल को लेकर बयान दिया था. गहलोत ने तीन साल पर राजस्थान सरकार पर आए सियासी संकट को लेकर कहा कि राजे और मेघवाल को इसकी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इनका साथ नहीं देकर राजस्थान की पंरपरा को निभाया. यह अच्छी बात है

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