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Saturday, November 23

यूपी : साइबर ठगों ने 100 Apps के जरिए ठगे 500 करोड़, चीन भेजी यूजर्स की पर्सनल डिटेल

अभिनव टाइम्स । मोबाइल ऐप के जरिए आसान लोन देने का लालच देकर वसूली करने वाले गिरोह के 22 लोगों को देश भर से गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह का संचालन चीनी नागरिकों द्वारा किया जा रहा था और अब करीब 500 करोड़ रुपये की वसूली की बात सामने आ चुकी है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैकेट के सदस्य 100 से अधिक एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके यूजर्स के पर्सनल डिटेल प्राप्त करते थे. फिर बाद में उसे चीन और हांगकांग स्थित सर्वर पर अपलोड किया जाता था.

मिली जानकारी अनुसार दो महीने से अधिक एनालाइसिस करके के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारियां की गईं. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फैला हुआ है.

पुलिस के अनुसार, लखनऊ में एक कॉल सेंटर के तौर पर स्थित गिरोह के सदस्य ऐप के माध्यम से छोटी राशि लोन के तौर पर देते थे. लोन लेने के इच्छुक उपयोगकर्ता ने एक बार जब एप्लिकेशन डाउनलोड कर लिया और ऐप को अनुमति दे दी, उसके कुछ ही मिनटों के बाद उनके खाते में ऋण राशि आ जाती थी. 

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा कि गिरोह के सदस्य पैसे क्रेडिट होने के बाद फर्जी आईडी के आधार पर लिए गए अलग-अलग नंबरों से उपयोगकर्ताओं को कॉल करते थे और यह धमकी देते हुए पैसे की उगाही करते थे कि अगर वे मांग पूरी करने में विफल रहे तो उनकी नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी जाएंगी. 

इधर, बेइज्जती होने के डर से उपयोगकर्ता पैसे का भुगतान करते थे, जिसे बाद में हवाला के माध्यम से या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद चीन भेज दिया गया था. कथित तौर पर गिरोह के सदस्य कई खातों का इस्तेमाल कर रोजाना प्रत्येक खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए हैं.

ऐप की पहचान कैश पोर्ट, रुपी वे, लोन क्यूब, वाह रुपया, स्मार्ट वॉलेट, जाइंट वॉलेट, हाय रुपया, स्विफ्ट रुपया, वॉलेटविन, फिशक्लब, यसकैश, इम लोन, ग्रोथट्री, मैजिक बैलेंस, योकैश, फॉर्च्यून ट्री, सुपरकॉइन के रूप में की गई है. पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के पास से करीब 51 मोबाइल फोन, 25 हार्ड डिस्क, नौ लैपटॉप, 19 डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड और तीन कारें और चार लाख नकद बरामद किए है. 

गिरफ्तार सदस्यों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया है कि रैकेट चीनी नागरिकों के इशारे पर संचालित किया जाता है. पुलिस ने कुछ चीनी नागरिकों की पहचान की है और उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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