अभिनव टाइम्स ।
सीकर: शेखावाटी के लोक देवता जाहर वीर गोगाजी (Gogaji) का मेला आज है. हर एक गांव ढााणियों की गोगा मेड़ी पर मेले का अयोजन होता है. हजारों भक्त गोगाजी महाराज के शीश नवाते है. फतेहपुर के टीलें वाले गोगा जी की मेड़ी पर मारवाड़ी भाईयों ने देर रात तक गोगा जी महाराज के भजनों की प्रस्तुतियां दी. हजारों की संख्या मे लोगों ने जागरण मे शिरकत की.
आज मुख्य मेलें का आयोजन होगा. शेखावाटी (Shekhawati) में भरने वाले जाहर वीर गोगाजी के मेले में आज भी लोग जहरीले जीवों को गले में लटकाकर आते हैं. जिस सांप और गौह (गोयरा) को देखकर आम इंसान की कपकपी छूट जाती है. उन्हीं जीवों के फन और मुंह को गोगाजी के भक्त अपने मुंह में लेने से तनिक भी नहीं हिचकते हैं. इतिहास के पन्नें लोगों के जहन से भले ही धुंधले हो जाए लेकिन सैकड़ों बरस पुरानी मान्यताएं आज भी चिरस्थायी ही है. समय के साथ जीवन शैली में भले ही आमूलचूल बदलाव आ गया हो लेकिन कुछ मान्यताएं आज भी उसी रूप में निभाई जा रही है जैसी वे पहले निभाई जाती थी.
जहरीले जीवों को गले में लटकाकर आते:
ऐसी ही मान्यताओं और आस्था का मेला चूरू में लगने वाला जाहर वीर गोगाजी का मेला है. इस मेले में आज भी लोग जहरीले जीवों को गले में लटकाकर आते हैं. जिस सांप या गौह (गोयरा) को देखकर आम इंसान की कपकपी छूट जाती है उन्हीं जीवों के फन और मुंह को गोगाजी के भक्त अपने मुंह में लेने से तनिक भी नहीं हिचकते हैं. शुक्रवार रात को मेले के महाजागरण मे हजारों श्रृद्धालुओं ने धोक लगाई. गोगा भक्त नृत्य करते हुए मन्दिर पहुंचे और श्रृद्धापूर्वक गोगाजी के समक्ष अपना शीश नवाया.