अभिनव टाइम्स.सीकर। लंपी महामारी में गाेवंश काे बचाने के लिए युवा-बुजुर्ग सहित हर वर्ग मदद का हाथ बढ़ा रहा है। पलसाना में लंपी से तड़पते गाेवंश काे देख एक किन्नर ने अपने घर में ही गाेशाला खाेलकर अनूठी मिशाल पेश की है। क्षेत्र के जुराठड़ा रोड स्थित कॉलोनी में रहने वाली किन्नर मुन्नी बाई लंपी पीड़ित गाेवंश की सेवा के लिए अपने घर में ही 50 गायाें के लिए गाेशाला शुरू कर दी।
वे सुबह से शाम तक संक्रमित गोवंश की सेवा में जुटी रहती है। सेवा इस भाव को देखकर अब कस्बे के अन्य लोग भी उनकी मदद के लिए पहुंचने लगे हैं। मुन्नी बाई बताती हैं कि संक्रमित गोवंश को तड़पता देख मुहिम छेड़ी। अन्य लोग भी इससे जुड़ रहे हैं।
इसके अलावा गांव के 270 युवा काेराना के समय से संचालित सेवार्थ फाउंडेशन साेशल मीडिया के जरिए सहयाेग जुटाकर गाेवंश की सेवा में जुटे हैं। 25 दिन में 80 हजार रुपए जुटाकर 500 से ज्यादा गाेवंश की जान बचा चुके हैं। वहीं गाेविंदपुरा क्षेत्र में आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे 25 युवाओं टीम संक्रमित गाेवंश का इलाज करने में जुटी है। तीनाें संगठन अब तक 700 गाेवंश काे उपचार देकर स्वस्थ कर चुके हैं।
सेना भर्ती की तैयारी में जुटे युवाओं ने ग्रुप बनाया
गाेविंदपुरा गांव के जाेहड़ के परेड ग्राउंड में आर्मी की तैयारी करने वाले 25 युवाओं ने संक्रमित गोवंश के इलाज के लिए ग्रुप बनाया। युवाओं ने 20 हजार रुपए जुटाए। ग्रुप के युवा राकेश फरडाेलिया ने बताया कि गांव में निराश्रित 150 गोवंश के लिए बंद स्कूल की चारदीवारी में आश्रय स्थल बनाया।