Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

राजस्थान, UP, केरल में स्वाइन फ्लू से मौत के बाद मचा हड़कंप, MP में मिला केस, जानिए H1N1 कितना जानलेवा

Swine flu in Hindi-कारण/लक्षण/जाॅच/उपचार - Only HEALTHY Advice-Health Expert

अभिनव टाइम्स | कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच केरल, UP और राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरीजों की मौत से हड़कंप मचा गया है। वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर में 3 लोग और ओडिशा में भी 2 लोग H1N1 से संक्रमित पाए गए हैं। देशभर के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू के नए केस मिलने से दहशत है। मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण निमोनिया, सांस लेने में समस्या और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है, जो काफी खतरनाक संकेत है।

ऐसे में आइए जानते हैं कि देश के किन राज्यों में अब तक स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं? आखिर स्वाइन फ्लू होता क्या है? देश और दुनिया में स्वाइन फ्लू ने इससे पहले कब तबाही मचाई थी? इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं?

देश के किन राज्यों में अब तक स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं?

केरल: 1 मरीज की मौत, 1 संक्रमित

केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कोझिकोड की 12 वर्षीय लड़की की मौत स्वाइन फ्लू के चलते हुई है। लड़की की मौत रविवार, यानी 29 मई को ही हो गई थी, लेकिन लैब के नतीजे आने के बाद H1N1 की पुष्टि हुई। लड़की की जुड़वा बहन भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित है और उसका इलाज चल रहा है।

मध्य प्रदेश : इंदौर में 3 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में
मध्य प्रदेश के इंदौर में 3 लाेग स्वाइन फ्लू से संक्रमित मिले हैं। CMHO डॉ. बीएस सेत्या ने बताया कि स्वाइन फ्लू से संक्रमित 2 पुरुषों और एक महिला का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य विभाग ने उन इलाकों का सर्वे भी किया है जहां ये मरीज रहते हैं। 2019 में मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 720 पॉजिटिव मिले थे और 165 मरीजों की मौत हुई थी।

राजस्थान : 2 महीने में 90 से ज्यादा केस मिले, 2 की मौत
राजस्थान में पिछले 2 महीने में स्वाइन फ्लू के 90 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। अकेले जयपुर में ही 70 से ज्यादा मरीज मिले हैं। अब तक जयपुर में स्वाइन फ्लू से 2 मरीजों की मौत हो चुकी है। जयपुर में 2018 में स्वाइन फ्लू से 221, 2019 में में 208 और 2021 में 116 लोगों की मौत हुई थी।

UP : कानुपर में एक मरीज की मौत
देश में सबसे घनी आबादी वाले राज्य UP में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। कानपुर में पिछले सोमवार, यानी 30 मई को स्वाइन फ्लू से एक सर्राफा कारोबारी की मौत के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा है। हालांकि, परिवार में अभी कोई और H1N1 पॉजिटिव नहीं पाया गया है। इसके पहले राज्य में 2019 में स्वाइन फ्लू से एक की मौत हुई थी।

स्वाइन फ्लू बीमारी क्या है?
स्वाइन फ्लू एक बेहद तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंजा ए को हम H1N1 के नाम से भी जानते हैं। यह सुअरों से फैलने वाली बेहद खतरनाक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित जानवर या इंसान के करीब जाने पर H1N1 वायरस इंसानों के शरीर में मौजूद ह्यूमन फ्लू स्ट्रेन के संपर्क में आता है। इससे यह बीमारी जानवरों के जरिए इंसानों में भी फैल जाती है।

देश और दुनिया में स्वाइन फ्लू यानी H1N1 का इतिहास
सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC ने 1918 में ही H1N1 फ्लू वायरस मिलने की पुष्टि की थी। हालांकि, 2009 में पहली बार स्वाइन फ्लू बीमारी को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, यानी WHO ने महामारी घोषित किया है।

मार्च 2009 स्वाइन फ्लू का पहला मामला मैक्सिको में मिला था, जिसके कुछ दिनों बाद ही H1N1 संक्रमण के इंसानों में फैलने की पुष्टि टेक्सास और साउथ कैलिफोर्निया शहर में हुई थी। फिर देखते ही देखते यह बीमारी दुनिया के कई देशों में तेजी से फैली थी।

भारत में स्वाइन फ्लू संक्रमण फैलने के मामले 2022 से पहले भी 5 बार 2009, 2010, 2012, 2013 और 2015 में सामने आए हैं। इस बीमारी की गंभीरता को इससे पहचाना जा सकता है कि 8 अगस्त 2010 को H1N1 स्वाइन फ्लू से एक दिन में देश में 1833 लोगों की मौत हुई थी। यही नहीं, इस साल पूरी दुनिया में इस महामारी से करीब 2 लाख लोगों की मौत हुई थी।

इन फ्लू को कैसे पहचानें?
तेज फीवर होने के साथ-साथ लगातार नाक बह रही हो। सामान्य फीवर का ट्रीटमेंट लेने के बाद 24-48 घंटे में रिलीफ नहीं रहा है। इसके बाद इसे तुरंत स्वाइन फ्लू का लक्षण मानते हुए टेस्ट करवाना चाहिए।

किन लोगों के लिए स्वाइन फ्लू हो सकता है जानलेवा?
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह बीमारी कोरोना की तरह ही खतरनाक है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वायरस भी कोरोना की तरह इंसान के फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है। जब ये वायरस हमारे शरीर पर अटैक करता है तो शरीर में मौजूद WBC इसे रोकने का काम करता है।

वहीं, WBC कमजोर होता है तो H1N1 अटैक को नहीं रोक पाता है। ऐसी स्थिति में लोग इस वायरस के शिकार हो जाते हैं। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत TB के मरीज, HIV के मरीज, एनिमिया के मरीज, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं, मधुमेह से पीड़ित लोगों को होती है। ऐसे लोग जब इसके चपेट में आते हैं तो उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत महसूस होती है, नहीं तो मरीज की जान भी जा सकती है।

Click to listen highlighted text!