बीकानेर। ‘अच्छे साहित्य का सृजन कर हमें नई पीढ़ी में पठन – पाठन के प्रति रूचि पैदा करनी होगी ।’ ये विचार कवि- कथाकार संजय पुरोहित ने रविवार को युवा लेखक संजय पणिया के प्रथम उपन्यास ‘कल्कि से पहले’ के लोकार्पण के अवसर पर धरणीधर रंगमंच सभागार में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संजय पणिया ने इस उपन्यास में एक दुरूह विषय को बहुत सहजता और मौलिकता से प्रस्तुत किया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एम अबरार पंवार ने
कहा कि प्रथम उपन्यास होने के बावजूद संजय पणिया के लेखन में परिपक्वता नज़र आती है। पंवार ने कहा बीकानेर प्रतिभाओं से भरा – पूरा शहर है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कवि- समालोचक संजय आचार्य वरुण ने कहा कि साहित्यकार अपने समय, समाज और परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रियाशील होता है । संजय पणिया ने अपने वर्तमान में भविष्य को महसूस करते हुए ‘कल्कि से पहले’ उपन्यास की
रचना की है । कवि- समीक्षक रमेश भोजक समीर ने लोकार्पित कृति पर पत्रवाचन करते हुए कहा कि पुस्तक का लोकार्पण होने के साथ ही रचनाकार पर एक अघोषित जिम्मेदारी आ जाती है । उन्होंने कहा कि संजय पणिया के लेखकीय सामर्थ्य का आभास इसी बात से हो रहा है कि उन्होंने प्रथम कृति के लिए उपन्यास की दुरूह विधा को चुना है । कथाकार गिरीश पुरोहित ने कहा कि संजय पणिया संभावनाओं से भरे लेखक के रूप में सामने आए हैं इसलिए साहित्य समाज को इनका स्वागत करना चाहिए। शायर इरशाद अजीज ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि एक रचनाकार अपने अंदर अनेक द्वन्द्वों को झेलते हुए, अपने समाजिक दायित्व को निभाते हुए सबके हित के लिए सृजन करता है। कवयित्री इंदिरा व्यास और कवि- नाटककार सुनील गज्जाणी ने अपने उद्बोधन में लेखक संजय पणिया का अभिनंदन किया । कार्यक्रम अध्यक्ष बलदेव दास पणिया ने कहा कि अच्छे साहित्य का प्रकाशन समाज को सही दिशा दिखाता है। कार्यक्रम का संयोजन रंगकर्मी रोहित बोड़ा ने किया ।
कार्यक्रम में तुलसीदास पणिया, गिरीराज पारीक, कासिम बीकानेरी, भानु पणिया,कवि बाबूलाल छंगाणी, जगदीश आचार्य ‘अमन’, नरेन्द्र आचार्य, सुशील छंगाणी, पी डी व्यास, योगेन्द्र जोशी, पेंटर धर्मा, चित्रकार मेघा हर्ष, मनोज रतन व्यास, खेल लेखक आत्माराम भाटी, मुकुन्द मुरारी व्यास, राजकुमार पणिया, ब्रह्मदत आचार्य एवं अजीत राज सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे ।