अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राज्य सरकार ने 8 फरवरी को पेश बजट में गुड़ व चीनी पर मंडी टैक्स समाप्त कर दिया, लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा कि भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी पहले ही इस टैक्स की वसूली बंद कर चुकी है। वित्त वर्ष 2023-24 में भीलवाड़ा मंडी में गुड़-चोरी टैक्स का एक भी रुपया नहीं आया। हालांकि यह भी पता चला कि टैक्स बचाने के लिए कारोबारियों ने बीच की गली निकाल रखी है। वे मंडी के बजाय माल बाहर रखवाकर बेच रहे हैं। भीलवाड़ा मंडी में गुड़-चीनी के दो दर्जन से अधिक व्यापारी हैं। यहां बताते चलें कि वर्ष 2019-20 में भीलवाड़ा मंडी को गुड़-चीनी से लगभग डेढ़ करोड़ टैक्स मिला था।
अधिकारियों के अनुसार मंडी में व्यापार करने वालों के पास आने वाली चीनी व गुड पर 1.60 रुपए प्रति सैकड़ा टैक्स है। वर्ष 2019-20 में 2 लाख 14 हजार 863 क्विंटल चीनी मंडी में आई थी। इस पर 1 करोड़ 19 लाख 94 हजार 960 रुपए का टैक्स बना। इसी प्रकार गुड की आवक 23,178 क्विंटल हुई। इस पर 11 लाख 56 हजार 688 रुपए का टैक्स बना।
चार साल में 30.09 लाख का टैक्स इसे मंडी कर्मियों की लापरवाही मानें या मिलीभगत कि चार साल में चीनी व गुड पर कुल 30 लाख 9 हजार रुपए का टैक्स मिला। अप्रेल 2023 से जनवरी 2024 तक एक रुपए टैक्स नहीं मिला।
मंडी से बाहर फ्री
मंडी व्यापारी राजेन्द्र बिड़ला का कहना है कि सरकार ने मंडी में आने वाली चीनी व गुड पर टैक्स लगा रखा था। मंडी से बाहर कोई टैक्स नहीं है। इसके चलते कोई भी व्यापारी माल मंडी में नहीं मंगवाता। सरकार के टैक्स समाप्त करने के निर्णय से अब मंडी में चीनी व गुड की आवक होगी।