अभिनव न्यूज।
जोधपुर: जोधपुर शहर के नांदड़ी क्षेत्र से दो दिन पूर्व एक बारह वर्षीय घर से कोचिंग जाने को निकला और वापस नहीं लौटा। हैरान-परेशान माता-पिता व अन्य परिजनों ने सभी जगह तलाशा लेकिन कहीं उसका पता नहीं लगा। आज सुबह नौ बजे बच्चे के फौजी पिता के पास एक फोन आया कि आपका बच्चा एकदम सुरक्षित है और मैं उसे चेन्नई रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को सौंप रहा हूं। आप आकर से ले जाना। इतना सुनना था कि प्रेम सिंह व अन्य परिजनों के चेहरे खुशी से चमक उठे। खुशी के साथ ही प्रेमसिंह भी हैरत में है कि उनका बेटा अरविंद ढाई हजार किलोमीटर दूर चेन्नई कैसे पहुंच गया। बहरहाल वे दोपहर की फ्लाइट से चेन्नई जा रहे है अरविंद को घर वापस लाने के लिए।
जोधपुर के नांदड़ी गोशाला रोड पर रहने वाले प्रेमसिंह भारतीय सेना में कार्यरत है और इस समय बेंगलुरु में पोस्टेड है। उनके दो बेटे है और पत्नी बच्चों सहित जोधपुर में रहती है। दो दिन पूर्व कक्षा सात में पढ़ने वाला छोटा बेटा अरविंद सिंह दोपहर में करीब तीन बजे घर से कोचिंग पर जाने का कहकर निकला। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। शाम को परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। कोचिंग पर पता किया तो बताया गया कि वह आज आया ही नहीं। सारी कोशिश नाकाम होने पर अरविंद के पिता प्रेमसिंह को फोन कर जानकारी दी गई। वे कल जोधपुर पहुंचे। पुलिस में मामला दर्ज कराया गया।
शुरू किया खोज अभियान
प्रेम सिंह व अन्य परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे जोधपुर संभाग में अरविंद की फोटो जारी कर लोगों से मदद मांगी गई। इसके अलावा उसके दोस्तों से भी बात कर पता लगाने का प्रयास किया गया कि अरविंद के बारे में उन्हें कोई जानकारी हो या वह इन्हें कुछ बोल कर गया हो। किसी स्तर पर कोई जानकारी नहीं मिली।
और आ गया फोन जिसका था बेसब्री से इंतजार
आज सुबह प्रेमसिंह के पास एक फोन आया। उधर से बताया गया कि आपका बेटा मेरे पास एकदम सुरक्षित है और मैं उसे चेन्नई रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को सौंप रहा हूं। फोनकर्ता ने बताया कि ट्रेन में अरविंद को अकेले देख उसे कुछ शक हुआ। इसके बाद उन्होंने अरविंद पर नजर रखना शुरू किया। अरविंद के साथ धीरे-धीरे बात शुरू की। उसे खाना भी खिलाया। धीरे-धीरे अरविंद ने बताया कि वह घूमने के लिए जा रहा है। बातों-बातों में उसने अरविंद से उसके पिता का नंबर लिया।
घर पर नहीं हुई कोई बात
अरविंद के पिता प्रेमसिंह का दावा है कि घर में उसे किसी ने ना तो कभी डांटा और न ही किसी बात को लेकर टोका। महज घूमने के लिए अरविंद घर से निकल गया। उस समय उसकी जेब में मुश्किल से चार सौ रुपए होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि घर से निकल अरविंद रेलवे स्टेशन पहुंच गया। साढ़े चार बजे चेन्नई के लिए ट्रेन रवाना होती है। प्लेटफार्म पर ट्रेन को देख अरविंद उसमें चढ़ गया। प्रेमसिंह का कहना है कि चेन्नई में हमारा कोई रिश्तेदार नहीं रहता है। खुशी से चहकते हुए प्रेमसिंह ने बताया कि मेरी अरविंद से बात हो गई है। वह ठीक है। अभी जीआरपी के पास में है। उनसे भी मेरी बात हो गई। मैं अभी चेन्नई रवाना हो रहा हूं।