अभिनव न्यूज
झुंझुनूं: एक तरफ तो राज्य सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दे रही है। दूसरी ओर मेधावी छात्र-छात्राएं तीन साल से लैपटॉप मिलने का इंतजार कर रही है। प्रदेश में करीब एक लाख छात्र-छात्राएं लैपटॉप की राह देख रहे हैं।
हर वर्ष प्रदेश में करीब 21 हजार विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटे जाते हैं। सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने एवं डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप का वितरण किया था। योजना शुरू होने के तीन साल तक मेधावी छात्राओं को लैपटॉप मिले, बाद में योजना ठप हो गई है। आखरी बार मेधावी छात्राओं को सन 2017-18 में लैपटॉप का वितरण किया गया था। जिसके तहत झुंझुनूं जिले के 627 विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटे गए थे।
शिक्षा विभाग की ओर से सत्र 2013-14 से योजना शुरू की गई थी, लेकिन अब यह योजना ठप पड़ी है। गौरतलब है कि लैपटॉप वितरण पिछले तीन सालों से नहीं हो पा रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों का मोहभंग हो रहा है। इधर,विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लैपटॉप वितरण को लेकर अभी तक मुख्यालय से कोई गाइडलाइन नहीं आई है।
इनको मिलता है योजना का लाभ
शिक्षा विभाग की इस योजना के तहत राज्य स्तर पर कक्षा 8 वीं, 10वीं / प्रवेशिका और 12वीं सभी संकायों में वरिष्ठ उपाध्याय में 75 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक कक्षा के 6-6 हजार एवं जिला स्तर प्रत्येक जिले के 100-100 मेधावी विद्यार्थियों को, जिन्होंने 70 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उनको इस योजना का लाभ दिया जाता है।
तीन सत्र से आस
मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप मिलेंगे या नहीं फिलहाल विभागीय अधिकारियों के पास इस संबंध में काई दिशा-निर्देश नहीं है। जानकारी के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2018-19, 2019-20 व 2020-21 के लैपटॉप का वितरण नहीं हुआ है। जबकि दूसरी ओर चौथा सत्र भी समापन की ओर है।
शिक्षक नेताओं का कहना है कि मेघावी विधार्थी लैपटॉप वितरण योजना के तहत पिछले तीन सत्रों से लैपटॉप वितरण नहीं किया जा रहा है। इस पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अक्टूबर माह में तीनों सत्रों के बकाया लैपटॉप जल्द वितरण की घोषणा की है, लेकिन तीन माह बाद भी वितरण नहीं हुआ है। सरकार जल्द छात्र-छात्राओं को लैपटॉप का वितरण करेंगे।
राज्य सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों को वितरित किए जाने वाले नि:शुल्क लैपटॉप वितरण योजना में कटौती की है और बताया है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 और 2020-21 में कोरोना के चलते कक्षा 8वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं हुई है।
विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने के कारण अंकों के अभाव में मैरिट को बनाना संभव नहीं है। इन दोनों शैक्षणिक सत्रों में इनकी संख्या अठारह हजार छह सौ है। अब इन्हें केवल एक शैक्षणिक सत्र 2018-19 के ही लैपटॉप मिलेंगे।