दृष्टिकोण: पार्टी को भीतर से अनुशासित होने की आवश्यकता
~संजय आचार्य वरुण
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हाल ही में सम्पन्न हुए चुनावों और उनके घोषित परिणामों के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि भारत की जनता को राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस स्वीकार नहीं है। पता नहीं, कांग्रेस का चश्मा लगाए रखने वाले लोग इस बात पर किस तरह प्रतिक्रिया करेंगे लेकिन पिछले चार विभिन्न चुनावों से यही देखने को मिल रहा कि जनता कांग्रेस नेतृत्व की परिपक्वता को लेकर आशंकित है।
राहुल गांधी थोड़े- थोड़े समय के अंतराल से अपने कच्चे- पक्के बयानों और भाषणों से जनता के मन में उनको स्वयं को लेकर बैठी हुई आशंका की पुष्टि कर देते हैं। पता नही, इतनी बड़ी पार्टी का कर्णधार और परिपक्व आयु का एक सुशिक्षित व्यक्ति बिना तैयारी और बिना सोचे- समझे लाखों लोगों के सामने ऐसी बातें किस तरह कह जाता है जो हास्यास्पद होती हैं। वे अपनी पार्टी और अपने राजनीतिक जीवन का एक विजन क्यों तै...