इस संकल्प से आज की गुरू पूर्णिमा हो सकती है सार्थक
अभिनव डेस्क। इस संसार में एक मनुष्य के लिए तीन लोग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। वे होते हैं माता, पिता और गुरू। माता-पिता व्यक्ति को संसार में लाते हैं, उसका पालन- पोषण करते हैं। उसे उठना- बैठना, चलना- फिरना, बोलना, खाना- पीना और सामान्य व्यवहार करना सिखाते हैं, इस दृष्टि वे वे मनुष्य के प्रथम गुरू होते हैं। वे माता- पिता के रूप में भी पूजनीय होते हैं और गुरू के रूप में भी। प्रत्येक मनुष्य संसार में कुछ विशिष्ट उद्देश्य लेकर आता है लेकिन उसके इन उद्देश्यों के बारे में न तो वह जानता है और न ही दूसरा कोई जानता है। उसे जगत में आकर आखिर करना क्या है और जो करना है वह किस तरह से करना है, इसका आंशिक अनुमान प्रथम गुरू माता- पिता को हो सकता है लेकिन यह पूरी स्थिति तो केवल और केवल गुरू ही स्पष्ट कर सकता है।
गुरू शब्द का सामान्य अर्थ है- बड़ा। जो व्यक्तित्व हमसे ज्ञान और गुणों में बड...