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Saturday, November 23

सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड ने लिया राजनीतिक रंग! आखिर FIR में क्यों आया अशोक गहलोत का नाम?

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। श्री राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के मामले में अब नया मोड आ गया है। दरअसल, करणी सेना चीफ के मर्डर को लेकर जयपुर के श्याम नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। जिसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के डीजीपी का भी नाम है। इधर, प्रशासन ने इस मामले को लेकर एसएचओ मनीष, बीट प्रभारी और बीट कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया गया है। साथ ही पुलिस ने 72 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी का लिखित आश्वासन दिया है।

सुखदेव सिंह गोगामेडी की पत्नी शीला शेखावत की ओर से बुधवार शाम जयपुर के श्याम नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें आरोप लगाया कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत मेरे पति को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री गहलोत और डीजीपी पर इसका आरोप लगाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि एफआईआर में नाम सामने आने के बाद अशोक गहलोत की मुश्किल भी बढ़ सकती है।

सीएम गहलोत और डीजीपी को लिखा था पत्र

थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पिछले दो सालों से लगातार जान-माल का खतरा बना हुआ था। ऐसे में सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर गोगामेड़ी ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक सहित कई उच्चाधिकारियों को इसी साल 24 फरवरी और 25 मार्च को पत्र लिखा था। जिसमें गोगामेड़ी ने खुद की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन, उन्हें पुलिस की ओर से सुरक्षा नहीं दी गई थी।

एटीएस ने भी दिए थे हत्या की साजिश के इनपुट

एफआईआर में ये भी लिखा कि एटीएस जयपुर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) राजस्थान को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को मारने का षडयंत्र रचा जा रहा है। पंजाब पुलिस के द्वारा 14 फरवरी 2023 को डीजीपी राजस्थान को पत्र लिखकर सूचना दी गई थी कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को जान से मारने की साजिश रची जा रही है। इसमें लिखा है कि इतने सारे इनपुट मिलने का बाद भी जानबूझकर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य के डीजीपी और सहित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मेरे पति को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई।

सुरक्षा नहीं देने के लिए ये अफसर जिम्मेदार!

बता दे कि जान से मारने की धमकी मिलने के बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने सुरक्षा मांगी थी। सुरक्षा देने की जिम्मेदारी तब इंटेलीजेंस के तत्कालीन डीजी उमेश मिश्रा, तत्कालीन एडीजी सुरक्षा एस सेंगाथिर और पूर्व डीजीपी एमएल लाठर की थी, लेकिन इन अफसरों ने गोगामेड़ी को क्रिमिनल माना और सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि गोगामेड़ी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट व यौन शोषण सहित एक दर्जन मुकदमे अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज हैं।

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