संजय आचार्य वरुण
बीकानेर के रवींद्र रंगमंच सभागार में आज राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री और भारत के उपराष्ट्रपति रहे कद्दावर नेता स्व. भैरोंसिंह शेखावत की 99 वीं जयंती पर एक भव्य व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के सम्बन्ध में चौंकाने वाली बात यह है कि जो आयोजन भारतीय जनता पार्टी की ओर से होना चाहिए था, उसमें पार्टी की कोई भूमिका नहीं थी। आज से शेखावत के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई है, भाजपा की प्रदेश इकाई की ओर से कोई आयोजन नहीं हुआ है । भैरोंसिंह शेखावत के योगदान पर यह व्याख्यान कार्यक्रम भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत ने आयोजित किया । सवाल ये उठता है कि क्या भाजपा इतनी मोदीमय हो गई है कि उसे उन नेताओं को याद करने की भी जरूरत महसूस नहीं होती, जिन नेताओं ने पार्टी की आज की सफलता का धरातल तैयार किया था । भैरोंसिंह शेखावत वह व्यक्ति थे, जो अपने दौर में प्रदेश भाजपा का पर्याय समझे जाते थे। वे भााजपा को दो बार अपने दम पर प्रदेश में सत्ता में लाए थे । उनका योगदान न केवल भाजपा के लिए बल्कि सम्पूर्ण राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण है ।
बीकानेर में शेखावत की स्मृति में हुए इस आयोजन की सफलता ने भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत का कद न केवल पार्टी में बल्कि बीकानेर की राजनीति में भी ऊंचा कर दिया । पिछले कई दिनों से इस कार्यक्रम में विवाद होने की संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन कार्यक्रम शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम में लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी ने दिखा दिया कि सुरेंद्र सिंह शेखावत की जड़ें गहरी हैं। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का इस आयोजन में शामिल न होना चर्चा का विषय अवश्य रहा है किन्तु साथ ही उनकी अनुपस्थिति को कार्यक्रम के शांतिपूर्ण होने का एक कारण भी माना जा रहा है। लोगों ने बीकानेर पूर्व क्षेत्र की विधायक सिद्धि कुमारी और नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका को मंच पर स्थान न देने पर भी आश्चर्य जताया। इसी बीच वर्तमान में कांग्रेस नेता शशि शर्मा की मंच पर उपस्थिति भी चौंका रही थी। हालांकि भैरोंसिंह शेखावत एक लोकप्रिय नेता थे और पार्टी से ऊपर उठकर उनके सभी नेताओं से मधुर संबंध रहे थे। राजनीतिक हल्कों में इस आयोजन को सुरेंद्र सिंह शेखावत के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन अगर ऐसा है भी तो सुरेंद्र सिंह शेखावत ने अपनी उपस्थिति बहुत ही दमदार तरीके से दर्ज करा दी है। राजनीतिक दृष्टि से इस आयोजन को भले ही किसी भी रूप में देखा जाए लेकिन साधुवाद के पात्र हैं सुरेंद्र सिंह, कि जिन्होंने भारत की राजनीति के एक लीजेंड को उनकी गरिमा के अनुरूप याद किया है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने शेखावत के व्यक्तित्व- कृतित्व को बहुत ही प्रभावी ढंग से अपने उद्बोधन में सामने रखा। इस कार्यक्रम के आयोजकों का दृष्टिकोण जो भी रहा हो लेकिन ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए और साथ ही उनमें दूसरी पार्टियों के उन नेताओं को भी शामिल किया जाना चाहिए जिनके दिवंगत नेता के साथ सुदीर्घ अनुभव रहे हैं।