अभिनव न्यूज।
जयपुर: दोपहर करीब 12 बजे थे। गुरुवार को जयपुर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में भाजपा और कांग्रेस पार्षद मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी थी और काउंटिंग शुरू हो गई थी। आधे घंटे बाद फैसला आने वाला था। नाक का सवाल बने चुनाव के लिए शहर के तमाम भाजपा-कांग्रेस के सांसद-विधायक लॉबिंग में जुटे थे।
तभी अचानक हाईकोर्ट के एक फैसले ने हलचल मचा दी और पूरी चुनाव प्रक्रिया बीच में ही रुक गई। राजस्थान के मेयर के चुनावी इतिहास में ये पहला मौका था जब रिजल्ट से ठीक पहले पूरे चुनाव को ही कैंसिल कर दिया गया।
दरअसल, 27 सितंबर को जयपुर ग्रेटर नगर निगम की तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर को सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। सौम्या भाजपा से हैं और राज्य सरकार कांग्रेस की है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग नए मेयर के चुनाव की घोषणा की।
इधर सौम्या गुर्जर सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चली गईं। गुर्जर की याचिका पर हाईकोर्ट एकलपीठ के जस्टिस महेंद्र गोयल ने सरकार के बर्खास्तगी के ऑर्डर को रद्द कर दिया और सरकार ने नया आदेश लाने को कहा। कोर्ट के फैसले पर निर्वाचन आयोग ने तत्काल फैसला करते हुए चुनाव बीच में ही रोक दिया था।