Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Thursday, November 14

हाई रिस्क शहरी क्षेत्रों में विशेष सत्र लगाकर होगा बच्चों का टीकाकरण

अभिनव न्यूज।
बीकानेर:
शहरी क्षेत्र की कच्ची बस्तियां व झुग्गियों में रहने वाले बच्चों का जागरूकता के अभाव में टीकाकरण नहीं हो पाता है। इसके लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं। इसी क्रम में बीकानेर जिले के तीन शहरी क्षेत्रों में विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित कर ऐसे बच्चों को चिन्हित करते हुए टीकाकरण किया जाएगा। शहरी क्षेत्र बीकानेर, नोखा तथा श्रीडूंगरगढ़ के नियमित टीकाकरण सुदृढ़ीकरण हेतु जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में इस अभियान पर चर्चा की गई। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस अधिकारी डॉ अनुरोध तिवारी, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक नेहा शेखावत, डीएनओ मनीष गोस्वामी, डॉ मुकेश जनागल, डॉ रेखा रस्तोगी, डॉ समीर मोहम्मद, डॉ एस पी खत्री सहित समस्त चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं पीएचम मौजूद रहे। उन्हें जनवरी-फरवरी एवं मार्च 2023 में हाई रिस्क एरिया एवं ऐसे क्षेत्र जहां बच्चे छूटे हुए हैं में स्पेशल सत्र आयोजित करते हुए कार्य योजना बनाने एवं क्रियान्वित करने हेतु निर्देशित किया।

बच्चों को खसरा और रूबेला से बचाने के लिए एमआर एलिमिनेशन अभियान हेतु गुणवत्तापूर्ण सर्वे तथा साथ ही डीपीटी बूस्टर द्वितीय, एवं टीडी वैक्सीनेशन हेतु संबंधित क्षेत्र के स्कूलों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए जनवरी माह में पूर्ण की जाने हेतु निर्देशित किया गया।

इसके अतिरिक्त कोविड-19 , चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत छूटे हुए परिवार को पंजीकृत कराने, ईकेवाईसी, मिसिंग डिलीवरी एवं अन्य आरसीएच गतिविधियों पर गहनता से चर्चा की गई।

12 जानलेवा बीमारियों से बचाने होता है बच्चों का नियमित टीकाकरण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि बच्चों को जन्म से लेकर 5 साल की उम्र तक 7 बार टीकाकरण किया जाता है। इस दौरान उन्हें टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, गलघोटू, काली खांसी, हिब, मेनिनजाइटिस, रूबेला, रोटा वायरस से होने वाला दस्त, टिटनेस, डिप्थीरिया व निमोनिया जैसे जानलेवा रोगों से बचाने वाले अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं। प्रत्येक गुरुवार व कुछ सोमवार को जिले भर में एमसीएचएन सत्र आयोजित कर बच्चों का नियमित टीकाकरण किया जाता है।

Click to listen highlighted text!