जयपुर | गर्मियों का मौसम और राजस्थान में एक बार फिर सूखा है। इस बार सूखा पानी नहीं पेट्रोल-डीजल को लेकर है। डीजल की किल्लत पेट्रोल से भी ज्यादा है।
केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है। राजस्थान में पहली बार ये हालात हुए है कि 3 हजार पंप सूखने की कगार पर है। 24 घंटे में सप्लाई नहीं हुई तो 500 पंप बंद हो जाएंगे।
पाली जिले में तो ESSAR और रिलायंस के 14 पंप पर अभी से ताले लग चुके हैं। प्रदेश में 15-20 दिन पहले ही रिलायंस व एस्सार के 1500 से ज्यादा पंप बंद कर दिए गए। यहां तेल की बिक्री पूरी तरह रोक दी गई है। इनमें सर्वाधिक 1100 पंप एस्सार और 300-400 पंप रिलायंस के हैं।
प्रदेशभर के पेट्रोल पंपों को लेकर पड़ताल की, जिसमें चौंकाने वाले हालात सामने आए। उदयपुर, जोधपुर, बांसवाड़ा, दौसा और अलवर समेत 16 जिलों में पिछले 48 घंटे से तेल की सप्लाई प्रभावित हो रही है।
पंप संचालकों ने बताया कि 7 दिनों से प्रदेश के 6500 से ज्यादा पेट्रोल पंप पर तेल कंपनियां डिमांड के अनुसार सप्लाई नहीं कर रही है। इसकी वजह से तीन हजार से ज्यादा पंप पर तेल खत्म होने की स्थिति पैदा हो गई है।
ऐसे में अगर अगले 24 घंटे में डीजल और पेट्रोल की सप्लाई नहीं हुई तो प्रदेश में 500 से ज्यादा पेट्रोल पंप पूरी तरह बंद हो जाएंगे। पांच हजार से अधिक पंपों पर ड्राई रन की स्थिति हो जाएगी। यहां केवल इमरजेंसी के लिए ही पेट्रोल-डीजल बचेगा।
प्रदेश में सारे पंप IOCL के भरोसे, बाकी ने बंद की सप्लाई
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि प्रदेश के पेट्रोल पंप सिर्फ IOCL के भरोसे चल रहे हैं। क्योंकि HPCL और BPCL ने पेट्रोल और डीजल की सप्लाई बिल्कुल कम कर दी है। इसका नुकसान पेट्रोल पंप संचालकों के साथ आम जनता और राजस्थान सरकार को भी उठाना पड़ रहा है। ऐसे ही हालात रहे तो पेट्रोल पंप बंद करने पड़ेंगे।