Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, November 22

शंकरसिंह राजपुरोहित चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार से सम्मानित

अभिनव न्यूज।
बीकानेर:
राजस्थानी भाषा के प्रखर व्यंग्यकार शंकरसिंह राजपुरोहित को उनकी व्यंग्य कथाकृति “मृत्युरासौ” पर सत्र 2022 का चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार सोमवार को राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में समारोह पूर्वक प्रदान किया गया। स्वागताध्यक्ष तथा पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मीनारायण सोमानी ने इस अवसर पर कहा कि हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम राजस्थानी हैं। हमारी मातृभाषा से हमारी संस्कृति सुरंगी है।

अब राजस्थान जाग गया है, राजस्थानी भाषा को मान्यता से अब अधिक समय वंचित नहीं किया जा सकता है। डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि शंकरसिंह राजपुरोहित राजस्थानी की एक बड़ी प्रतिभा है जो सभी विधाओं में अपना दखल रखते हैं। मुख्य वक्ता कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने शंकरसिंह की तुलना चीनी लेखक माओत्से तुंग से करते हुए कहा कि उनकी भांति शंकरसिंह के व्यक्तित्व के भी निराले पक्ष हैं। राजस्थानी भाषा उनके पोर पोर में बसी हुई है।

शंकरसिंह भाषा और लेखन को समर्पित हैं।
शंकरसिंह राजपुरोहित को सम्मान स्वरूप इकतीस हजार रुपये की राशि शाॅल, साफा, श्रीफल के साथ समर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि पूरे संसार में राजस्थानी समाज फैला हुआ है,अगर अपनी भाषा के प्रति जागरूक हो जाए तो राजस्थानी को कल ही मान्यता मिल जाए। भाषा में हो रही छीजत की पीड़ हर राजस्थानी के मन में रहनी चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडवोकेट सुरेशचन्द्र ओझा ने कहा कि राजस्थानी के प्रति हमारे मन में अनुराग का भाव रहना चाहिए। ऐसा कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहिए जिसमें हम अपनी मातृभाषा को सम्मान न दें। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हमारे ट्रस्ट से प्रति वर्ष ग्यारह हजार रुपये की राशि का पुरस्कार राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के माध्यम से प्रारंभ किया जाएगा।

समारोह में युवा लेखक रमेश भोजक समीर ने शंकरसिंह राजपुरोहित की व्यंग्य यात्रा पर पत्रवाचन करते हुए कहा कि उनकी व्यंग्य रचनाएँ वस्तु विन्यास एवं भाषा के स्तर पर उच्च कोटि की रही हैं, वे जानते हैं कि हास्य और विनोद का व्यंग्य में कितना मिश्रण करना चाहिए। पर्यावरणविद् ताराचंद इन्दौरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर आयोजित काव्य संगोष्ठी में युवा कवयित्री शर्मिला सोनी तथा लीलाधर सोनी ने अपनी राजस्थानी रचनाओं को प्रस्तुत कर उपस्थित जनों को गुदगुदाया। संचालन रवि पुरोहित ने किया। पंडित रामदेव उपाध्याय ने स्वस्ति वाचन किया तथा गायक शकील ने सरस्वती वंदना की। नगर के सभी गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।

Click to listen highlighted text!