अभिनव टाइम्स । पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 78वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को शांति और अहिंसा निदेशालय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन और महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘सद्भावना-शांति और विकास’ विषयक सेमिनार आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विकास न्यास सचिव यशपाल आहूजा थे। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में सद्भाव होना बेहद जरूरी है। हमें जाति, धर्म, वर्ण, भाषा अथवा आर्थिक दृष्टि के भेद को भूलाकर आपसी सद्भाव कायम रखने का संकल्प लेना चाहिए। उपखंड अधिकारी अशोक कुमार बिश्नोई ने कहा कि आपसी सद्भाव की भावना सदैव प्रासंगिक होती है। हमें इसे अपने व्यवहार में ढालना चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के उप कुल सचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने कहा कि आपसी सद्भाव से परस्पर शांति की राह आसान होती है और यह समाज के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी आपसी सद्भाव के पैरोकार थे। उनकी जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में मनाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। गांधीवादी चिंतक और वक्ता डॉ. विजय ऐरी ने कहा कि हम परंपरागत रूप से आपसी सद्भाव की भावना को पोषित करते करने वाले हैं। अहिंसा और आपसी सद्भाव के पथ पर चलते हुए महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। उन्होंने राजीव गांधी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विजयश्री गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक संजय आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। डॉ. रजनी रमन झा ने आभार व्यक्त किया। समिति के समन्वयक राजेंद्र जोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने आपसी सद्भावना की शपथ दिलाई और अब तक आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में साजिद सुलेमानी, महाविद्यालय के संकाय सदस्य, एनएसएस अधिकारी डॉ. सुनीता गहलोत, डॉ. सीमा व्यास, डॉ. मेघना मीणा, डॉ. सुनीता मंडा, रेंजरिग अधिकारी डॉ. राधा सोलंकी तथा एनएसएस स्वयं सेविकाएं और छात्राएं उपस्थित रही।