अभिनव न्यूज, जयपुर। राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आज राजस्थान विवि में जमकर हंगामा किया। जबरन कुलपति सचिवालय में घुस गए। इसके बाद राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय में धारा 144 लगा दी है। कैंपस में पुलिस जाब्त तैनात किया गया है।एबीवीपी कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय में घुस गए और जमकर हंगामा किया।
एबीवीपी को कार्यकर्ताओं ने वीसी के स्टाफ को बंधक बना लिया। करीब 200 से ज्यादा कार्यकर्ता वीसी सचिवालय में घुस गए। ताला तोड़कर एक साथ सैकड़ों कार्यकर्ता घुस गए। उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने इस बार छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया है। चुनाव पर रोक के बाद छात्र नेताओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है। राजस्थान विश्वविद्यालय के विवेकानंद पार्क में छात्रों का जमावड़ा लगा हुआ है। छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर आधा दर्जन छात्र भूख हड़ताल पर है।
भूख हड़ताल पर बैठे छात्र
भूख हड़ताल के साथ सैकड़ों छात्र धरने पर बैठे हैं। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। छात्र नेताओं के हर मूवमेंट पर पुलिस पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। आंदोलन को देखते हुए विवि कैंपस पुलिस छावनी बन गया है। बड़ी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनातगी की गई है। पुलिस के आलाधिकारी भी छात्र नेताओं की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि 13 साल के बाद एक बार फिर छात्र संघ चुनावों पर सरकार ने रोक लगा दी. शनिवार देर रात जारी किए गए आदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रसंघ चुनावों में धन बल और भुजबल का हवाला देकर छात्र संघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया। देर रात जैसे ही यह आदेश छात्र नेताओं तक पहुंचा तो सभी छात्र देर रात होने के बावजूद भी राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर इकट्ठा हो गए और विरोध जताने लगे।
2010 में सीएम गहलोत ने हटाई थी रोक
सन 2004 में छात्र संघ चुनाव पर पहली बार रोक लगाई गई। जिसके बाद सन 2010 में कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनावों से रोक हटाई। अब 13 साल बाद एक बार फिर छात्र संघ चुनावों पर रोक लगने से छात्र नेताओं का राजनीतिक सफर शुरू होने से पहले ही रुक गया है। छात्र नेताओं ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. वहीं अब छात्र नेता इसके विरोध में उतर आए हैं.
आदेश को लेकर देर रात से लेकर अल सुबह भी छात्र नेताओं की ओर से राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर लगातार प्रदर्शन जारी है। छात्र संघ चुनाव पर रोक लगने से एक और जहां दोनों ही छात्र संगठनों के छात्र नेताओं में गहरा आक्रोश है क्योंकि कई छात्र नेता पिछले कई सालों से इस छात्र संघ चुनाव का इंतजार कर अपनी राजनीति का उज्जवल भविष्य देख रहे थे लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उनका भविष्य उज्जवल होने से पहले ही अंधकार में डूब जाएगा।