अभिनव न्यूज, बीकानेर। नालन्दा पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के सृजन सदन में 6 नम्बर डिस्पेंसरी के डॉ. तिलकराज उत्पल ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को मौसमी बिमारियां डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के बचने की जानकारी दी। डॉ. तिलकराज ने बताया कि अपने परिवार को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाने के लिए पानी को एकत्रित न होने दे क्योकि इस रूके हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं पानी रूकने के कुछ स्थान हैं, जैसे- बेकार पड़े टायर, पक्षियों के पानी पीने के पात्र, कबाड़, छज्जा, गमले की ट्रे, कूलर, पक्षियों के पानी पीने के टंगे हुए पात्र, एसी के पानी का निकास पाइप, चाइनीज बेम्बू, सजावटी फव्वारा फूलदान, बाल्टी, ड्रम, टंकी, सीमेंट टैंक, चक्की आदि अधिकांशतः स्थानों पर मच्छर पैदा होते है अतः इन स्थानों को सप्ताह में एक बार रगड़ कर अवश्य साफ करें और पानी के पात्रों को हमेशा ढक कर रखें।
राज्य सरकार की अधिसूचना में नियत प्रावधानों के अनुसार घर में मच्छरों के लार्वा/प्यूपा पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 188 के अंतर्गत राशि 500 रूपए तक आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। करुणा क्लब सहप्रभारी आशीष रंगा ने शाला के सभी बच्चों को डॉ. साहब ने जो दिशा निर्देश दिये है उनकी पालना करने का निर्देश देते हुए बच्चों से विभिन्न नारे लगवाए। कार्यक्रम का संचालन सुनील व्यास ने किया।