अभिनव न्यूज, बीकानेर। बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में निवेशक जागरूकता, शिक्षा और संरक्षण पर युवाओं का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि विद्यार्थियों में निवेश जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ-साथ बचत और निवेश को लेकर आमजन को वित्तीय प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराने के उद्देश्य से यह एकदिवसीय प्रशिक्षण रखा गया। कार्यक्रम के दौरान म्युच्युअल फण्ड में निवेश से संबंधित विषय-विशेषज्ञ श्रीमती पूजा जैन ने छात्रों को बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी गाढ़ी कमाई के बाद जब उसका सुरक्षित निवेश करना चाहता है तो वह बड़ी जिम्मेदारी और चुनौती के साथ बड़ा जोखिम भरा भी होता है।
लेकिन अब समय के अनुरूप जिस तरह से हर व्यक्ति जागरूक होता जा रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह जागरूकता बजट की आदत डालने के साथ सुरक्षित निवेश की ओर भी बेहतर परिणाम ला रही है। श्रीमती पूजा जैन ने विद्यार्थियों को निवेश के संबंध में जानकारी के साथ-साथ यह भी बताया कि निवेश के लिए कई सारे रास्ते खुले है, चाहे फिर वह शेयर मार्केट में करना हो, गोल्ड में करना हो या फिर प्रॉपर्टी इत्यादी में इनवेस्ट कर सकते है, लेकिन इसमें सही गाइडेंस की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि हमेशा उन साधनों में निवेश करना चाहिए, जहां आपका पैसा सुरक्षित रहे और मंहगाई से ज्यादा रिटर्न मिले। ऐसे में आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं। ध्यान रखें कि बिना किसी सलाहकार के खुद से निवेश का फैसला न करें।
पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार ने लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दिया है। श्रीमती पूजा जैन के अनुसार म्युचुअल फंड में निवेश के माध्यम से एसओपी या व्यवस्थित निवेश योजना में निवेश का एक तरीका है जिसमें व्यक्तियों को नियमित अंतराल पर छोटी मात्रा में निवेश करने की आवश्यकता होती है। एसआईपी के माध्यम से, व्यक्ति विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है जैसे कि घर खरीदना, वाहन खरीदना, सेवानिवृत्ति योजना। इसलिए, एस आई पी को लक्ष्य-आधारित निवेश के रूप में भी जाना जाता है।
व्यक्ति कम से कम 500 रुपए के न्यूनतम निवेश के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। इस दौरान म्यूचुअल फंड की उपयोगिता पर खुले सत्र में चर्चा हुई एवं सामने आए विद्यार्थियों के जिज्ञासा भरे सवालों के जवाब भी श्रीमती पूजा जैन ने दिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, श्रीमती संगीता व्यास, विकास उपाध्याय, सुश्री अंतिमा शर्मा, श्रीमती अर्चना व्यास, अजय स्वामी, श्रीमती शालिनी आचार्य, श्रीमती प्रेमलता व्यास, सुश्री जया व्यास, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, हितेश पुरोहित,पंकज पाण्डे, गुमानाराम जाखड़, शिवशंकर उपाध्याय, राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।