अभिनव न्यूज।
जयपुर : राजस्थान उर्दू अकादमी के सचिव मोअज़्ज़म अली का बृहस्पतिवार को जयपुर में दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया था। आज राजधानी के अकादमी संकुल में बेहद ग़मज़दा माहौल में मोअज़्ज़म अली साहब की श्रद्धांजलि सभा रखी गई। इस श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान उर्दू अकादमी के
अध्यक्ष हसन रज़ा खान, राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास, राजस्थान संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष सरोज कोचर, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के अध्यक्ष, राजस्थान उर्दू अकादमी के सदस्य एवं प्रोग्राम कमेटी के कन्वीनर इरशाद अज़ीज़, जवाहर कला केंद्र की ओर से अब्दुल लतीफ उस्ता सहित अनेक गणमान्यजनों ने भरे गले से मोअज़्ज़म अली साहब को खिराजे अक़ीदत पेश की। वक्ताओं ने मोअज़्ज़म अली साहब के असामयिक निधन को साहित्य का,अदब का
बहुत बड़ा नुकसान बताया। राजस्थान उर्दू अकादमी के अध्यक्ष हसन रज़ा खान ने कहा कि मोअज़्ज़म अली साहब पिछले पच्चीस वर्षों से अकादमी और अदब की खिदमत कर रहे थे। उनका इस तरह अचानक चले जाना अदब से तआल्लुक रखने वाले हर शख़्स के लिए बहुत बड़े सदमे का सबब है। उन्होंने कहा कि हम अकादमी और अदब में उनके अधूरे छोड़े गए कामों को बेहतरीन ढंग से पूरा
करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास भावुक हो गए। वे जब बोलने आए तो उनसे बोला नहीं गया। वे भरी आंखों से मोअज़्ज़म अली साहब को याद करते हुए हाथ जोड़कर बैठ गए। उर्दू अकादमी की प्रोग्राम कमेटी के कन्वीनर और शाइर इरशाद अज़ीज़ ने भी भरे गले से मोअज़्ज़म साहब के साथ अपने बहुत गहरे रिश्तों और उनकी काम में डूबे रहने की तबीयत को याद किया। इरशाद अज़ीज़ ने कहा कि बुधवार की रात को इंतकाल से कुछ घण्टों पहले तक भी वे अकादमी और अदब की बेहतरी के लिए बात कर रहे थे।