Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

राजस्थान की सियासत में घमासान: मंत्री ने की इस्तीफे की पेशकश..

अभिनव टाइम्स | राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास माने जाने वाले खेल और युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इससे सरकार के भीतर उठ रहे बागी तेवरों को और हवा मिल गई है।

वहीं, मुख्यमंत्री ने चांदना के कमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने टेंशन में कमेंट किया होगा, गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। चांदना से पहले भी सरकार को समर्थन दे रहे कई विधायक और एक मंत्री भी अफसरशाही के खिलाफ खुलेआम विरोध दर्ज करा चुके हैं।

दरअसल, गुरुवार देर रात अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका पर उनके दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था और इस्तीफा देने की बात कही थी। चांदना ने उनके विभागों का चार्ज रांका को सौंपने की बात कहकर सरकार में अफसरों के दखल पर मुहर लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक उनके बागी तेवरों के पीछे भविष्य के सियासी संकेत भी छिपे हैं।

बताया जाता है कि चांदना लंबे समय से प्रमुख सचिव की दखलादांजी से नाराज हैं। स्पोर्ट्स काउंसिल के कामकाज के तरीकों से भी चांदना नाराज थे। लगातार हो रही अनदेखी की वजह से उन्होंने कुलदीप रांका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। चांदना ने गुरुवार देर रात ट्वीट करके इस्तीफे की पेशकश कर दी है, लेकिन उसके बाद वे मीडिया के सामने नहीं आए हैं।

इसलिए नाराज हुए खेल मंत्री

खेल विभाग और स्पोर्ट्स काउंसिल में पिछले दिनों कुछ ऐसे फैसले हुए जिनमें खेल मंत्री को बायपास किया गया। इस पूरे मामले में चांदना नाराज थे। बाद में जब कुलदीप रांका का नाम सामने आया तो चांदना और नाराज हुए। इसके बाद धीरे धीरे विवाद बढ़ता गया। आखिरकार चांदना ने मोर्चा ही खोल दिया।

गहलोत ने कहा- उन पर काम का भार है
शुक्रवार को जब गहलोत से चांदना के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- ग्रामीण ओलंपिक के आयोजन का बड़ा भार उनके ऊपर आया हुआ है। हो सकता है टेंशन में आ गया हो। कोई कमेंट कर दिया हो, उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उनसे बातचीत करके देख लेंगे। अभी तो पता नहीं, मेरी उनसे बात भी नहीं हुई है।

पायलट की जगह गहलोत का साथ दिया था

चांदना ने शुरू से ही सचिन पायलट की जगह अशोक गहलोत का साथ दिया। सचिन पायलट को CM नहीं बनाने से पायलट समर्थकों और गुर्जर समुदाय में भारी नाराजगी थी। पायलट खेमे की बगावत के समय अशोक चांदना ने खुलकर अशोक गहलोत का साथ दिया था।

चांदना ने पायलट के खिलाफ बयान भी दिए थे। चांदना को जब करौली जिले के प्रभारी मंत्री की जिम्मेदार दी गई तब कई बार गुर्जर समाज के लोगों ने घेराव किया। पायलट का साथ नहीं देने पर नाराजगी जताई। अब दो साल से भी कम समय में हालात बदल गए हैं।

दोनों सरकार से नाराज
चांदना करीब 7 साल तक यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए ही वे विधायक और फिर मंत्री बने। अब चांदना सरकार से नाराज हैं। यूथ कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा भी नाराज हैं। उन्होंने गहलोत के खास नेता दिनेश खोड़निया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मौजूदा और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दोनों सरकार से नाराज हैं।

राज्यसभा चुनाव से पहले इसे गहलोत सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। इसकी भी संभावना है कि चांदना अब सचिन पायलट से भी हाथ मिला सकते हैं। चांदना की खेमा अदला बदली अब सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।

Click to listen highlighted text!