Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Thursday, September 19

संघ प्रमुख का बड़ा बयान: मोहन भागवत बोले- मंदिरों के लिए संघ नया आंदोलन नहीं करेगा, ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे बदल नहीं सकते

अभिनव टाइम्स | ज्ञानवापी विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है। नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में गुरुवार शाम को संघ प्रमुख ने कहा, ‘ज्ञानवापी का एक इतिहास है, जिसे हम बदल नहीं सकते। आज के हिंदू और मुसलमानों ने इसे नहीं बनाया है। रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना? झगड़ा क्यों बढ़ाना। वो भी एक पूजा है जिसे उन्होंने अपनाया है। वो यहीं के मुसलमान हैं।’ भागवत ने आगे कहा- वे बेशक बाहर से आयी है, लेकिन वह भी एक पूजा-पद्धति है, और जिन्होंने अपनायी है, उन सबके पूर्वज भी हमारे ऋषि-मुनि और क्षत्रिय ही हैं।

संघ प्रमुख आरएसएस के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत किसी एक पूजा और एक भाषा को नहीं मानता क्योंकि हम समान पूर्वज के वंशज हैं। इस्लाम आक्रमणकारियों के जरिए भारत में आया तो भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों का मनोबल कम करने के लिए हजारों देवस्थान तोड़े गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचता है लेकिन उसे लगता है कि इनका पुनुरुद्धार होना चाहिए।

भागवत ने आगे कहा कि मुसलमानों को यह बिल्कुल नही मानना चाहिए कि यह उनके विरुद्ध है। अच्छी बात है, ऐसा सोचके मिल-बैठ के सहमति से कुछ रास्ता निकालना चाहिए। लेकिन हर बार रास्ता नही निकलता तो कोर्ट जाते हैं। फिर कोर्ट जो निर्णय दे, उसको मानना चाहिए। उन सबको स्वतंत्रता से चिर काल तक वंचित रखने के लिए, उनका मनोधैर्य दबाने के लिए यह किया गया, इसलिए हिंदू को लगता है कि इसका पुनरोद्धार होना चाहिए। हजारों देवस्थानों को तोड़ा गया। लेकिन उनमें कुछ ऐसे हैं जिनमें हिंदू समाज की विशेष श्रद्धा है।

संघ प्रमुख ने और किसी आंदोलन में शामिल होने से मना किया
संघ प्रमुख ने आगे कहा,’हमने 9 नवंबर को ही कह दिया था कि राम मंदिर के बाद हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे, लेकिन मुद्दे मन में हैं तो उठते हैं। ऐसा कुछ है तो आपस में मिलकर-जुलकर मुद्दा सुलझाएं।”

दुष्ट लोग दुनिया को जीतना चाहते हैं: भागवत
भागवत ने कहा, ‘विश्व में भारत माता की विजय करानी है, क्योंकि हमको सबको जोड़ना है न कि जीतना है। हम किसी को जीतना नहीं चाहते लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग हैं जो हमें जीतना चाहता है। आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए। आपस में प्रेम चाहिए। विविधता को अलगाव की तरह नहीं देखना चाहिए। एक-दूसरे के दुख में शामिल होना चाहिए। विविधता एकत्व की साज-सज्जा है, अलगाव नहीं है।

शक्ति उपद्रवी बनती है: भागवत
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भागवत ने कहा, ‘शक्ति उपद्रवी बनती है। हम देख रहे हैं कि लड़ाई चल रही है। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। लेकिन कोई भी यूक्रेन में जाकर रूस को नहीं रोक सकता क्योंकि रूस के पास ताकत है।’ भारत के रुख पर भागवत ने कहा कि भारत ने संतुलित भूमिका अपनाई है। रूस का विरोध भी नहीं किया और लड़ाई का समर्थन नहीं किया। भारत अगर पर्याप्त शक्तिशाली होता तो युद्ध को रोक लेता लेकिन भारत अभी इतना शक्तिशाली नहीं है कि युद्ध को रोक सके।’

Click to listen highlighted text!