अभिनव न्यूज, नेटवर्क। पुलिस कंट्रोल रूम पर आई एक कॉल के कुछ ही मिनट बाद बाड़मेर रेलवे स्टेशन का परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. थोड़ी देर बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और रेलवे की टीमें मौके पर पहुंचीं और पटरी से उतरे डिब्बों का मुआयना करने के बाद बचाव अभियान शुरू किया करीब एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में पता चला कि यह सब रेलवे स्टेशन की सुरक्षा जांचने के लिए किया गया मॉक ड्रिल था.
बताया गया कि ट्रेन के डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़े हुए थे. इसके बाद सभी टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला. पहले टीमों ने डिब्बों के ऊपर चढ़कर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू किया. डिब्बों की खिड़कियों को काटकर यात्रियों को बाहर निकाला गया. घायल यात्रियों को मौके पर मौजूद एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल भेजा गया. एनडीआरएफ के जवानों ने इस मॉक ड्रिल के दौरान राहत और बचाव कार्य का अभ्यास किया. टीम ने उपस्थित लोगों को यह भी समझाया कि आपातकालीन स्थिति में अगर सहायता नहीं मिले, तो वे खुद और अपने साथी यात्रियों की मदद कैसे कर सकते हैं.
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह था कि किसी दुर्घटना की स्थिति में जल्दी से जल्दी कैसे उससे निपटा जाए और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचाया जा सके. इसमें एनडीआरएफ, रेलवे और अन्य सभी संबंधित एजेंसियों ने भाग लिया और समन्वय के साथ अच्छा काम किया.
एनडीआरएफ टीम के सदस्य योगेश कुमार ने बताया कि सीईटी परीक्षा के बावजूद प्रशासन ने मॉक ड्रिल में सक्रिय भागीदारी निभाई. उन्होंने बताया कि इस तरह की मॉक ड्रिल इसलिए आयोजित की जाती है ताकि किसी वास्तविक आपात स्थिति में सभी विभाग मिलकर जल्द से जल्द राहत कार्य शुरू कर सकें.