Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य सम्मान बीकानेर के रवि पुरोहित को अर्पित

अभिनव टाइम्स बीकानेर।
पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य संस्थान, मुम्बई की ओर से नगर-श्री चूरू के प्रांगण में रविवार को साहित्य-समारोह आयोजित किया गया। समारोह में बीकानेर के रवि पुरोहित को ‘पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य-सम्मान 2022’ अर्पित किया गया। सम्मान स्वरूप शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिह्न एवं ग्यारह हजार रुपये भेंट किये गये।
सम्मान अर्पण के बाद अपने सम्बोधन में समादृत रचनाकार रवि पुरोहित ने कहा कि सम्मान व पुरस्कार लेखक को सामाजिक मान्यता प्रदान करते हैं और यह मान्यता जहां रचनात्मक दायित्व बढाती है, वहीं लेखक के पाठकीय सरोकारों में भी अभिवृद्धि करती है। पुरोहित ने साहित्य की गुणवत्ता में आती गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लिखने वालों का ध्यान पढ़ने पर अधिक होना चाहिए, जबकि ऐसा कम हो रहा है। पुस्तक प्रकाशन आज बेहद आसान हो गया है परंतु प्रकाशन में गुणवत्तापूर्ण साहित्य पहली शर्त होनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ. मदन सैनी ने कहा कि अहिंसा व प्रेम की स्थापना ही सार्थक साहित्य है। मधुकर गौड़ का मातृभूमि के प्रति प्रेम श्रेयस्कर था। परिजनों द्वारा उनकी साहित्य-सेवा को परम्परा निर्वहन के रूप में जारी रखना श्लाघनीय है। सैनी ने कहा कि साहित्य आत्मसुख के लिए लिखा जाता है, परंतु कालजयी साहित्य समाज हित का बन जाता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि गौड़ एक जुझारू प्रकृति के साहित्यकार थे, जिन्होंने मुंबई जैसे गैर हिंदी भाषी क्षेत्र में दशकों तक हिंदी पत्रिका का संपादन अपने बलबूते किया। वहीं से वे राजस्थानी भाषा की पत्रिका भी निकालते रहे। महर्षि ने वर्तमान साहित्यिक परिदृश्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों में प्रारंभ से ही पठन-रुचि पैदा करने के लिए अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ. रामकुमार घोटड़ ने कहा कि साहित्य-सम्मान का यह कार्यक्रम समाज में साहित्य के मूल्यों की स्थापना के साथ ही लेखकों में प्रेरणा का संचार करता है।

श्रीमती पाना देवी, कमलेश गौड़, डॉ. सविता इंदौरिया, नगर-श्री सचिव श्याम सुंदर शर्मा, कृष्णकुमार महर्षि, बालकृष्ण शर्मा, डॉ. सरोज हारित ने मंचस्थ अभ्यागतों का स्वागत-अभिनंदन किया। इस अवसर पर डॉ. रामकुमार घोटड़ व पूर्णिमा मित्रा द्वारा संपादित लघुकथा-संग्रह का लोकार्पण भी हुआ। साहित्यकार विश्वनाथ भाटी ने पुस्तक ‘राजस्थानी लघुकथावां’ की समीक्षा की।
कार्यक्रम के आरंभ में पुरुषोत्तम चांद ने रजत पाटवाल की तबला-संगत में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ. सविता इंदौरिया ने अपने पिता मधुकर गौड़ के साहित्यिक अवदान को रेखांकित करते हुए स्मृतियाँ साझा की। राजेन्द्र ‘मुसाफिर’ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ. सरोज हारित ने किया। इस अवसर पर ख्यात युवा लेखक कुमार अजय, डॉ. सुरेन्द्र सोनी, बाबूलाल शर्मा, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, इदरीश राज, बनवारी खामोश, जीवण राम महर्षि, मनान मंसूर, आशुतोष मेहता, अनसुईया, इंदिरा सिंह, सहित अनेक प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे।

Click to listen highlighted text!