अभिनव न्यूज, नेटवर्क। चुनावी दौर में धर्म राजनीति का केन्द्र बना हुआ है। यह कतई गलत नहीं है। राजनीति के केन्द्र में हमेशा धर्म होना ही चाहिए। धर्म राज धर्म की नींव है, लेकिन महज वोट बैंक की राजनीति के लिए धर्म का उपयोग करना ठीक नहीं है। यह बात कथावाचक चित्रलेखा ने कही।
अब कलियुग है तो वह अपना प्रभाव दिखाएगा
चित्रलेखा गांव लुधावई में श्रीमद् भागवत कथा कर रही हैं। चित्रलेखा ने तमाम धर्म-कर्म के बाद भी व्यभिचार बढ़ने के सवाल पर कहा कि यह सदियों से चलता रहा है। अब कलियुग है तो वह अपना प्रभाव दिखाएगा ही। यदि कलियुग बुराई दिखाता है तो अच्छे लोगों को अपनी अच्छाई ज्यादा दिखानी चाहिए, ताकि बुराई हावी न हो। अच्छाई-बुराई का बैलेंस सदियों से चला आ रहा है और भी चलेगा।
अयोध्या में राम मंदिर की बात पर क्या बोलीं चित्रलेखा
बुरे लोग बुरा करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि अच्छे लोगों को अच्छा करने का प्रयास करते रहें, ताकि दोनों में संतुलन रह सके। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर की बात पर कहा कि जहां राम का जन्म हुआ है, वहां राम मंदिर होना चाहिए और जहां कृष्ण जन्मे हैं, वहां कृष्ण का धाम होना जरूरी है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि राम और कृष्ण जन्मे हैं। वहां यह नहीं विराजेंगे तो कौन विराजेगा।
Devi Chitralekha ने कहा- धर्म के नाम पर झगड़ा उचित नहीं
दूसरे धर्म वाले अपने भगवान का धार्मिक स्थल वहां बनाओ, जहां वह जन्मे हैं। चित्रलेखा ने कहा कि धर्म के नाम पर झगड़ा उचित नहीं है। हम अपने धर्म का ज्यादा आदर करें, क्योंकि यह हमें जीवनशैली सिखाता है। मंदिर तोड़ने या नहीं बनने देने की बात करने वाले न तो धार्मिक हो सकते हैं और न ही भारतीय और सच्चे मानव। सनातन धर्म पर अंगुली उठने के सवाल पर चित्रलेखा ने कहा कि सनातन धर्म को नहीं जानने वाला ही उस पर अंगुली उठा सकता है। बच्चा-बच्चा जानता है कि यह भगवान राम और भगवान कृष्ण का देश है।