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Wednesday, December 18

काव्य गोष्ठी में कवियों- शायरों ने सुनाई रचनाएं 

अभिनव न्यूज, बीकानेर। पर्यटन लेखक संघ और महफ़िल ए अदब की ओर से होटल मरुधर हैरिटेज में काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी। शायरों और कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाई। अध्यक्षता करते हुए कमल किशोर पारीक ने “हां मैं सच बोलता हूं/लेकिन पूरा नहीं जनाब/नाटक करता हूं सच्चाई का/परत उधाड़ने की कोशिश में” वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने “दारो रसन के ख्वाब न क्यों आएंगे हमें, दारो रसन के गीत जो गाते रहे हैं हम” ग़ज़ल सुनाई। राजस्थान उर्दू अकादमी के पूर्व सदस्य असद अली असद ने इस शेर से खूब दाद हासिल की-“जाने क्या हो गया इस दौरे सहाफत कोअसद,हादसा ले नहीं पाता  है ख़बर की सूरत”इमदादुल्लाह बासित का कलाम भी खूब पसंद किया गया।

“ये सच है दौलतो शौहरत बदल देती है इन्सां को मेरा भी दोस्त मुझसे आजकल खुलकर नहीं मिलता ” बुनियाद ज़हीन ने “तुम्हारी छोटी सी हरकत से मेरी आंखों में,ज़रा सा खून ही आया है और कुछ भी नहीं ” ग़ज़ल सुनाई। वली मौहम्मद ग़ौरी वली ने “हमारे दर्द से वो शख्स आशना होगा/फिराके़ यार में दिन रात जो जला होगा “से समां बांध दिया। डॉ. जिया उल हसन कादरी ने”कितनी सदियां हो गई हैं जां दे रहा है इश्क़ में/अब शहीदे इश्क़ ही रख दीजे परवाने का नाम “शकूर बीकाणवी ने “सौगात है ये प्यार की तू मुझसे जो मिली’ रचना पढ़ी। कार्यक्रम में जगदीश दान बारहठ,अमर जुनूनी सहित अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। संचालन असद अली असद ने किया।

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