अभिनव न्यूज बीकानेर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार और सिद्धहस्त गीतकार श्री कल्याणसिंह जी राजावत के आकस्मिक स्वर्गवास पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। गहलोत ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि अंतर प्रांतीय कुमार साहित्य परिषद् के सदस्य होने के नाते स्मृतिशेष राजावत जी से मेरे बहुत आत्मीय संबंध रहे। वे राजस्थानी भाषा के सिद्धहस्त गीतकार थे और अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने प्रदेश ही नहीं पूरे देश में विशेष ख्याति अर्जित की। राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करने में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
गहलोत ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत की आत्मा को शांति और सभी परिवारजन को यह आघात सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
प्रदेश के साहित्यकारों-पत्रकारों द्वारा संवेदना
प्रदेश के साहित्यकारों-पत्रकारों ने भी श्री राजावत के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण ‘कल्पित‘, संपत ‘सरल‘ ,नंद भारद्वाज, लोकेशकुमारसिंह ‘साहिल‘, डॉ. कल्याणसिंह शेखावत, फारूक आफरीदी, श्रीकृष्ण शर्मा, इकराम राजस्थानी, प्रेमचंद गांधी, राजस्थानी भाषा अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष, श्री नारायणसिंह राठौड़ ‘पीथल‘ आदि ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके निधन को अपूणीय क्षति बताया है।
गीतकार कल्याणसिंह राजावत का परिचय
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वाच्च ‘‘सूर्यमल्ल मीसण पुरस्कार‘‘ से सम्मानित प्रदेश के वरिष्ठ गीतकार स्व. श्री कल्याणसिंह राजावत द्वारा मिमझर संकलन के बाद उनकी काव्य कृतियां परभाती, कुण-कुण नै बिलमासी, रामतिया मत तोड़ और ल्यो सारो आकश सम्हाळो‘‘ प्रकाशित हो चुकी है।
साहित्यिक संस्था मित्र परिषद के संस्थापक-अध्यक्ष स्व. श्री राजावत प्रदेश की कई साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं से जुडे हुए थे। सस्वर रचनाओं में स्वर्गीय श्री कल्याणसिंह राजावत की शैली अनूठी और श्रोता प्रिय थी।