अभिनव टाइम्स बीकानेर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि स्वामी रामसुखदास जी की तपोस्थली पर दस हजार पौधे लगाना और इनकी देखभाल का संकल्प लेना, गोचर संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
डॉ. कल्ला गुरुवार को मुरली मनोहर धोरा क्षेत्र में सेवा संस्थान द्वारा सात हजार पौधारोपण के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोचर संरक्षण में रामसुखदास जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। सेवा संस्थान के प्रयासों से उनकी तपोस्थली की हरियाली में और अधिक इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि पौधे लगाना और इनकी देखभाल करना अत्यंत पुण्यदाई होता है। पर्यावरणीय परिस्थिति को संतुलित करने में पौधों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सघन पौधारोपण वाले क्षेत्रों में अच्छी बरसात होती है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं का अनुदान छह से बढ़ाकर नौ माह तक कर दिया गया है। नंदी शाला बनाने पर एक करोड़ रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुओं के लंपी स्किन रोग से बचाव में सरकार द्वारा किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट ने कहा कि बीकानेर और मारवाड़ के लोग पेड़ों की अहमियत समझते हैं। यहां बड़ी संख्या में पेड़ लगाए जाना अच्छी परंपरा है। इसके बेहतर दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में शुरू किए जाने वाले इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में पेड़ लगाने और इनकी देखभाल को पहली प्राथमिकता दी गई है। यह राजस्थान को हरा भरा बनाने में सहयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन राजस्थान में किया गया। जिसकी बदौलत यहां मृत्यु दर सबसे कम रही। इसी प्रकार लंपी स्किन रोग के प्रबंधन में भी राज्य सरकार द्वारा कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
राजस्थान शिल्प एवं माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री डूंगर राम गेदर ने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाना और इनकी देखभाल करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी।
बंजर भूमि और चारागाह विकास बोर्ड के अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने कहा कि बोर्ड द्वारा सभी जिलों में पौधारोपण को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने का पौधारोपण सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।
जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार चारागाह विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षों में पश्चिमी राजस्थान में बरसात की दर बढ़ी है। अधिकाधिक पौधारोपण इसका महत्वपूर्ण कारण है।
सेवा संस्थान के अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कल्ला ने कहा कि मुरली मनोहर धोरा क्षेत्र की गोचर भूमि में गत वर्ष तीन हजार पौधे लगाए गए तथा प्रत्येक पौधे को ड्रिप इरिगेशन से जोड़ा गया। इस बार यहां 7 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। इन सभी पौधों का बेहतर संरक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पौधारोपण के कार्य में अमर प्रताप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और लोटस डेयरी का सर्वाधिक सहयोग रहा है।
इस अवसर पर लोटस डेयरी के श्री अशोक मोदी तथा समाजसेवी श्री दुर्गा प्रसाद मीमानी भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया। इससे पहले अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।