अभिनव न्यूज
बीकानेर: पर्यटन लेखक संघ-महफिले- अदब के सप्ताहिक अदबी कार्यक्रम की 569 वीं कड़ी के अंतर्गत रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में मासिक तरही मुशायरा-8 का आयोजन किया गया जिसमें नगर के शाइरों ने रौनक़ नागौरी के मिसरे “हैं आदमी तो रहें आप आदमी की तरह” पर कलाम पेश कर दाद लूटी।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब ने ताज़ा ग़ज़ल पेश कर वाह वाही हासिल की-
वो ज़िन्दगी नहीं कर पाए ज़िन्दगी की तरह
उन्हें तो मौत भी आई तो ख़ुदकुशी की तरह
मुख्य अतिथि इमदादुल्लाह बासित ने दोस्तों के बदलते रुख़ की तरफ इशारा किया-
जो था अज़ीज़ हमें अपनी ज़िंदगी की तरह
वो आज पास से गुज़रा है अजनबी की तरह
आयोजक डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने घमंडी लोगों को निशाने पर लिया-
जिसे भी देखो ख़ुदा बनने की धुन है उसको
मगर वो क्यूँ नहीं बनता है आदमी की तरह
असद अली असद ने मतलबी दोस्तों को आइना दिखाया-
निभाया उनसे हर इक रिश्ता दोस्ती की तरह
वो दोस्ती भी निभाते हैं दुश्मनी की तरह
राजेन्द्र स्वर्णकार ने श्रृंगार रस की ग़ज़ल सुना कर सराहना प्राप्त की-
महक बिखेरती है बेले की वो जिधर जाएं
उजास करती है हर सू वो चांदनी की तरह
इस अवसर पर अब्दुल जब्बार जज़्बी,क़ासिम बीकानेरी और मुइनुद्दीन मुईन द्वारा भेजी ग़ज़लें भी पढ़ी गईं।
शारदा भारद्वाज,डॉ कृष्णलाल बिश्नोई,राजकुमार ग्रोवर,अहमद हारून क़ादरी और अब्दुल शकूर सिसोदिया ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।संचालन डॉ जिया उल हसन कादरी ने किया।