


अभिनव न्यूज, बीकानेर। बीकानेर के 538 वें स्थापना दिवस के मौके पर राव बीकाजी संस्थान, बीकानेर की ओर से महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम में त्रिभाषा काव्य संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हिन्दी उर्दू राजस्थानी के चुनिन्दा कवियों- शायरों ने अपनी बेहतरीन रचनाएँ सुनाकर कर सराहना हासिल की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शाइर गुलाम मोहियुद्दीन माहिर की। उन्होंने बीकानेर पर केन्द्रित ग़ज़ल सुनाई। त्रिभाषा काव्य संगम के मुख्य अतिथि कवि- नाटककार एवं पत्रकार हरीश बी. शर्मा ने कहा कि यह आयोजन बेहद सफल रहा जिसमे बीकानेर के 30 कवि शायरों ने अपना काव्य पाठ किया है।

उन्होनें अपने विचार रखते हुए आगे युवा कवियों को कहा कि आपकी कविता, कविता के उन मापदंडों से होकर गुज़रनी चाहिए जहां उसे वास्तव में कविता कहा जा सके। उन्होंने कहा सृजन कर्म में शीघ्र आत्म संतुष्टि की प्रवृति लाभदायक नहीं होती। विशिष्ट अतिथि कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने पहलगाम में हुई आतंकी धटना पे मार्मिक गीत सुनाया। कवि-कथाकार एवं पत्रकार संजय आचार्य वरुण ने ‘क्यूं सखे गिला करे, किसलिए गिला करे’ गीत सुनाया। अमित गोस्वामी ने ग़ज़ल और रवि शुक्ल ने गीत प्रस्तुत किया। कवि-कथाकार संजय पुरोहित ने चिंतन परक कविताएँ सुनाई। कवि- नाटककार सनील गज्जाणी, इमरोज़ नदीम और साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत युवा कवयित्री सोनाली सुथार ने अपनी रचनाएं सुनाकर सबको प्रभावित किया। गीतकार विप्लव व्यास, कविआनंद मस्ताना, योगेश व्यास ‘राजस्थानी’ ने गीत सुनाए।

अब्दुल जब्बार जज़्बी, राजाराम स्वर्णकार, बाबूलाल छंगाणी ने बीकानेर पर रचनाएं सुनाई। गंगा विशन विश्नोई, कृष्णा आचार्य, राजेन्द्र स्वर्णकार, लीलाधर सोनी कैलाश टाक, राजेन्द्र जोशी, कमल रंगा ने हिन्दी- राजस्थानी कविताएं सुनाई। कवि जगदीश आचार्य ‘अमन’, संत दौलतराम, जुगल पुरोहित ने अपनी रचनाएं सुनाकर दाद पाई। इस शानदार कार्यक्रम का संचालन साहिबे दीवान शायर इरशाद अज़ीज़ ने किया। इस अवसर रचनाकारों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।