अभिनव न्यूज, नेटवर्क। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में नीट- 2024 की परीक्षा में एक छात्रा की ओएमआर शीट फटी हुई मिलने के कारण परिणाम घोषित न करने की याचिका दायर हुई थी। प्रकरण पर मंगलवार को सुनवाई हुई तो पता चला कि छात्रा फर्जी अप्लीकेशन नंबर से एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को मेल कर रही थी।
एनटीए की ओर से प्रस्तुत छात्रा के मूल दस्तावेज देखने के बाद न्यायालय ने भी माना कि छात्रा ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर याचिका दाखिल की है। न्यायालय ने इसे अफसोसजनक बताते हुए कहा कि मामले में एनटीए विधिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। वहीं, याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए, याचिका को खारिज कर दिया।
छात्रा ने याचिका में की थीं ये मांगें
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष दाखिल छात्रा आयुषी पटेल की याचिका में मांग की गई थी कि याची की ओएमआर शीट का मैनुअल मूल्यांकन कराया जाए, एनटीए के विरुद्ध केंद्र सरकार को जांच का आदेश दिया जाए व वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहते, काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। वहीं एनटीए की ओर से याची की ओरिजिनल ओएमआर शीट, स्कोर कार्ड और अटेंडेंस शीट प्रस्तुत करते हुए कहा गया था कि उक्त दस्तावेजों में याची का अप्लीकेशन नंबर 240411340741 है, जिसे स्वयं याची द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है। इसके बावजूद याची 240411840741 अप्लीकेशन नंबर से क्यों ई-मेल भेज रही थी, यह समझना मुश्किल है।
छात्रा के वकील ने कहा- मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है…
इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों को ओरिजिनल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। आदेश के अनुपालन में एनटीए के डिप्टी डायरेक्टर संदीप शर्मा ने शपथ पत्र के साथ छात्रा के मूल दस्तावेज प्रस्तुत किए जिसे देखने के पश्चात स्वयं याची के अधिवक्ता ने कहा कि अब इस मामले में उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है लिहाजा याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति दी जाए। जबकि एनटीए की ओर से न्यायालय को बताया गया कि याची छात्रा के विरुद्ध विधिक कार्रवाई का निर्णय एनटीए द्वारा लिया जा चुका है। कोर्ट ने कहा, याची द्वारा कूटरचित दस्तावेज दाखिल किए गए हैं ऐसी स्थिति में यह कोर्ट एनटीए को छात्रा के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती।
छात्रा ने वीडियो जारी कर उठाया था सवाल
लखनऊ के मोहान रोड बुद्धेश्वर पिंक सिटी की रहने वाली आयुषी पटेल ने वीडियो जारी कर बताया था कि ‘चार जून को जब मैंने अपना रिजल्ट देखा तो स्क्रीन पर दिखा रहा था कि योर रिजल्ट इज नाट जेनरेटेड। एक घंटे बाद मेरे पास एनटीए से ईमेल आया कि उन्हें मेरी ओएमआर शीट डैमेज मिली है’। मेरे एडवोकेट मामा ने एनटीए को मेल पर रिप्लाई किया कि ओएमआर शीट फटी है तो उसे दिखाया जाए। 24 घंटे के भीतर ओएमआर शीट मिली। लग रहा है कि उसे जान-बूझकर फाड़ा गया है। इसे चेक किया तो नीट में 715 अंक आ रहे थे। इसे लेकर मैंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।’ आयुषी प्रकरण पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट करके सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।