अभिनव न्यूज, नेटवर्क। ‘मुझे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है और मैं पेपर देने के लिए फिर से तैयार हूं.’ ऐसा कहना है नीट में टॉप करने वाली छात्रा अंजली यादव का. अंजली ने नीट एग्जाम (NEET Exam) में 720 में से 720 अंक हासिल किए थे. हरियाणा (Haryana) के झज्जर गांव की अंजली यादव ने नीट गांव चमनपुरा की रहने वाली हैं.
दरअसल, हाल हीं में नीट परीक्षा परिणाम में ग्रेस मार्क्स देने को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है और सुप्रीम कोर्ट में भी मामले पर अहम आदेश आए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन बच्चों को ग्रेस मार्कस दिए गए है, उनकी परीक्षा दोबारा से होगी. एनटीए ने अब परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंजली ने कहा कि इस फैसले के बाद टॉपर बच्चों को निराशा जरूर हुई है, लेकिन उन्हें अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा है और वह दोबारा से पेपर देने के लिए तैयार हैं. अंजली ने कहा कि जब दोबारा से परीक्षा लेने का फैसला आया तो उन्हें थोड़ी निराशा जरूर हुई, लेकिन वह दोबारा से अपना पेपर देंगी. उन्होंने ग्रेस मार्कस लेकर टॉपर रहने वाले अन्य छात्रों से भी अपील की कि वह हिम्मत ना हारें और दोबारा से कड़ी मेहनत कर अपना मुकाम हासिल करें. दस दिन का वक्त मिला है और सभी बच्चे अपना बेस्ट देने की कोशिश करें.
अंजलि ने बताया कि उन्होंने बहादुरगढ़ के हरदयाल पब्किल स्कूल में नीट का एग्जाम दिया था. झज्जर के ही एक अन्य टॉपर यश कटारिया ने बताया कि उन्होंने भी हरदयाल पब्लिक स्कूल में एग्जाम दिया था और उन्हें ग्रेस मार्क्स के साथ 718 अंक मिले थे. एग्जाम सेंटर में देरी हुई थी. उन्होंने कहा कि दोबारा एग्जाम के लिए समय कम मिला है. नौ दिन में कड़ी मेहनत करेंगे और अच्छा रिजल्ट आएगा.
दादा ने जताई नाराजगी, बोले-बच्चों का क्या कसूर?
हालांकि, अंजली के दादा ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से कतई खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मामले में बच्चों की क्या गलती है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी बच्चों की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए या फिर परीक्षा होनी ही नहीं चाहिए. एनटीए का अपना यह निजी मामला है और इसमें बच्चों पर दोबारा से भार डाला जाना कतई न्यायसंगत नहीं है. बता दें कि अंजलि ने झज्जर जिले के गांव खातीवास में संस्कारम स्कूल से कक्षा 12वीं उत्तीर्ण की थी और इसके बाद इसी स्कूल से नीट एग्जाम की कोचिंग ली.