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बीकानेर। युवा कवयित्री, कथाकार और कार्यक्रम प्रस्तोता मीनाक्षी स्वर्णकार की मोटिवेशनल पुस्तक का लोकार्पण नरेन्द्रसिंह ऑडिटोरियम में साहित्य समाज की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्तित्व विकास तथा पाठक को ऊर्जा देने वाला लेखन सहज कार्य नहीं।
यह परिश्रम मांगता है, इसमें लेखक जो लिखता है, वह व्यावहारिक धरातल पर सही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीनाक्षी स्वर्णकार बीकानेर की एक बहुआयामी प्रतिभा है। वे अपने लिखे हुए को अनेक कसौटियों पर कसती हैं। प्रत्येक रचनाकार को इतनी ही गंभीरता से सृजन कर्म करना चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा आई टी सेल के पूर्व प्रदेश संयोजक अविनाश जोशी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर असीम क्षमताएं होती हैं परन्तु व्यक्ति अपनी क्षमताओं से अनभिज्ञ ही रहता है। उन्होंने कहा कि मीनाक्षी स्वर्णकार जैसे कलमकार अपने लेखन द्वारा पाठक की सुषुप्त क्षमताओं को जागृत करते हैं।
समारोह के विशिष्ट अतिथि सिंथेसिस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर शिक्षाविद जेठमल सुथार ने कहा कि युवा शक्ति को अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से परिचित करवाने में मीनाक्षी स्वर्णकार की पुस्तक ‘माई पावर्स’ एक बड़ी भूमिका निभएगी। उन्होंने कहा कि मीनाक्षी का लेखन अपने अनुभवों पर आधारित है, इसलिए यह बहुत ही व्यवहारिक है।
स्वागत उद्बोधन देते हुए शायर इरशाद अज़ीज ने कहा कि साहित्य और लेखन की दृष्टि से बीकानेर की धरा बहुत ही उर्वरा है। मीनाक्षी स्वर्णकार ने माई पावर्स पुस्तक का लेखन कर बीकानेर में मोटिवेशनल लेखन की एक नई दिशा खोली है।
अरुण प्रकाशन की ओर से अपनी बात रखते हुए कवि- पत्रकार संजय आचार्य वरुण ने कहा कि मोटिवेशनल लेखन से पूर्व लेखक को अपने भीतर उतरना पड़ता है। यह एक जिम्मेदारी भरा काम है क्योंकि इसमें आपका पाठक आप पर आंख मूंदकर भरोसा करता है।मीनाक्षी का लेखन पाठक के भरोसे पर खरा उतरता है।
लोकार्पित कृति पर पत्रवाचन करते हुए डॉ.संजू श्रीमाली ने कहा कि माई पावर्स पुस्तक न केवल विद्यार्थियों और युवाओं के लिए बल्कि हर व्यक्ति के लिए उपयोगी है। यह पुस्तक हमें सलीके से जीना सिखाती है। उन्होंने कहा कि पुस्तक पढ़ना शुरू करते ही पाठक को अपने साथ ले लेती है।
इस अंवसर पर लेखिका मीनाक्षी स्वर्णकार ने माई पावर्स की प्रथम प्रति अपने पिता कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार और माताजी झंवरा स्वर्णकार को भेंट की। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री प्रमिला गंगल और अरुण प्रकाशन ने लेखिका मीनाक्षी का सम्मान किया।
समारोह में राजेन्द्र जोशी, डॉ अजय जोशी, गिरीराज पारीक, बाबूलाल छंगाणी, संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी, अब्दुल सत्तार कमल, संगीतकार रफीक राजा, सुनील गज्जाणी, नारायण रंगा, चंद्रशेखर जोशी,डॉ. कृष्णा आचार्य,कासिम बीकानेरी, गिरीश पुरोहित, धर्मेंद्र सोनी, पवन सोनी, श्रीगोपाल स्वर्णकार, विष्णुदत स्वर्णकार, माधुरी शर्मा विप्लव व्यास,अब्दुल शकूर सिसोदिया, ऋषिकुमार अग्रवाल, निर्मला अग्रवाल, सौरभ स्वर्णकार, भावना स्वर्णकार, गंगाविशन विश्नोई, अजीत राज, जुबैर खान,गौरीशंकर सोनी, ज्ञानेश्वर सोनी,प्रेमनारायण व्यास, नदीम अहमद नदीम, संजय पणिया, नागेश्वर जोशी, जुगल किशोर पुरोहित, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, गौरीशंकर प्रजापत, ललित आचार्य एवं पीयूष आचार्य, आर जे रोहित शर्मा, रंगा राजस्थानी, मंजू सोनी, किरणा खत्री, हर्षिता सोनी,आदि साहित्यानुरागी उपस्थित रहे। आगंतुकों का आभार वरिष्ठ कवि- कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने ज्ञापित किया।अनुभवों से उपजा लेखन सही मार्गदर्शन कर सकता है’