अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान में मानसून का मिजाज लगातार बदल रहा है। अगस्त माह के पहले दिन मानसून उम्मीदों से अधिक सक्रिय होे गया। मौसम विभाग का नया अलर्ट है कि प्रदेश में 7 दिन तक मानसून सक्रिय रहेगा। तो IMD जयपुर-राजस्थान के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा, पिछले 48 घंटो में पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में मॉनसून सक्रिय रहा है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर और जोधपुर संभाग में भारी बारिश हुई है। राजस्थान के 9 जिलों में भारी बारिश हुई है। अजमेर, नागौर, बीकानेर, चुरू, जोधपुर और उसके आस-पास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। दक्षिण और दक्षिण पूर्वी राजस्थान में 4 अगस्त को भारी बारिश की संभावना है। अगले 5-7 दिनों तक राजस्थान में मॉनसून सक्रिय रहेगा।
4-5-6-7 जुलाई को राजस्थान में कैसा मौसम रहेगा जानें
मौसम विभाग का Prediction है कि लो प्रेशर के प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में 3 अगस्त से भारी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने के प्रबल संभावना है। तंत्र का सर्वाधिक प्रभाव 4-5 अगस्त को राज्य के दक्षिणी-पूर्वी व पश्चिमी भागों में दर्ज होने की प्रबल संभावना है। इस दौरान कोटा, उदयपुर संभाग में 4 अगस्त को कहीं कहीं भारी से भी अति भारी बारिश व एक-दो स्थान पर अत्यंत भारी बारिश (200 MM से अधिक) होने की प्रबल संभावना है। इस दौरान जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में 4 से 6 अगस्त के दौरान कहीं-कहीं भारी व कहीं-कहीं अति भारी को बारिश होने की संभावना है।
बीते 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश जयपुर में दर्ज की गई
जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में प्रदेश में सर्वाधिक बारिश जयपुर में 290 मिमी (11.6 इंच) दर्ज की गई। वहीं एयरपोर्ट पर यह आंकड़ा 226.7 मिमी रहा। यह सीजन की पहली और 1981 के बाद की सर्वाधिक बारिश बताई गई है। इससे पहले 19 जुलाई 1981 को 326 मिमी (13 इंच) बारिश हुई थी। इस दिन जयपुर में बाढ़ आ गई थी। अगस्त में जयपुर में अभी तक 188 मिमी बारिश का रेकॉर्ड है। पांच अगस्त तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। शुक्रवार को अजमेर में अत्यधिक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान में 320 बांध अभी भी खाली
राजस्थान में जुलाई महीने में मानसून सामान्य रहा। 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 212.5 MM बारिश हुई, यह औसत बारिश (216.4MM) से 2 फीसदी कम है। प्रदेश में 320 बांध अब भी खाली हैं। राज्य के 33 में से 9 जिले ऐसे हैं, जहां पूरे सीजन की बारिश का 60 फीसदी कोटा पूरा हो चुका है। वहीं 8 जिलों में 40 फीसदी कोटा भी पूरा नहीं हुआ है।