अभिनव न्यूज
अजमेर। अजमेर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार देर शाम चाचियावास स्थित मिनरल वाटर प्लांट पर छापा मारा। यहां बिना लाइसेंस ही मिनरल वाटर के नाम पर फ्लेवर्ड वाटर की पैकिंग की जा रही थी। टीम काे बीआईएस नंबर के साथ आईएसआई मार्का लिखे रैपर भी मिले हैं, जबकि फर्म ने बीआईएस का लाइसेंस ही नहीं ले रखा है।
प्लांट की फिलर मशीन सीज कर 12 हजार लीटर पानी जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद एफएसएसएआई लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। संचालक काे पाबंद किया गया है कि वह आगामी आदेशों तक फैक्ट्री काे किसी उपयोग में नहीं ले। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील कुमार चोटवानी ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. अनुज पिंगोलिया काे सूचना मिली थी कि चाचियावास स्थित के. एंटरप्राइजेज पर मिनरल वाटर के नाम पर मिक्स पानी बेचा जा रहा है।
प्लांट अंकित शर्मा के नाम पर है। यहां मिनरल वाटर के स्थान पर फ्लेवर्ड वाटर की पैकिंग कर बेचने की तैयारी की जा रही थी। टीम काे मौके पर पैकिंग के लिए रखी खाली बोतलें भी मिली जिन्हें जब्त कर लिया गया। टीम ने फैक्ट्री के दूसरे हिस्सों की जांच की ताे वहां पर इसी फर्म के लेबल पर बीआईएस नंबर के साथ आईएसआई मार्का अंकित हुए रैपर मिले।
टीम ने इसका लाइसेंस मांगा ताे पता चला कि फर्म को बीआईएस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। संचालक अंकित ने कहा कि प्रिंटर ने गलत लेबल छाप दिए। इसकी वजह से इन बोतलों को उपयोग नहीं किया जा रहा। जांच में यह भी सामने आया कि यूनिट वाटर प्लांट के लिए उपयुक्त नहीं है।
टीन शेड में चल रहा है प्लांट
फैक्ट्री टीन शेड में संचालित हाे रही थी। मिनरल वाटर के लिए पूरा परिसर पक्का होना चाहिए। चोटवानी ने बताया कि मिनरल वाटर के लिए स्टैंडर्ड कैटेगरी बनी हुई है। बोतलों में पैकिंग के साथ आईएसआई मार्का लगा देते हैं। केवल वही देखकर लाेग पानी लेते हैं।
यहां भी कार्रवाई
टीम भवानीखेड़ा नरवर स्थित वाटर प्लांट तिगड़ी फूड एंड बेवरेजेस पहुंची, जहां पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का एक नमूना लिया गया। फर्म के पास वैध आईएसआई प्रमाण पत्र एवं फूड लाइसेंस था। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई हाेगी। टीम में केएन शर्मा, मुकेश वैष्णव, दीपक वैष्णव व राजकुमार इंदौरिया भी शामिल थे।