अभिनव न्यूज, बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महा विद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम की श्रृंखला में अमृत कलश यात्रा तथा द्वितीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। छात्राओं ने अपने गाँवों व घरों से लायी गयी मिट्टी व चावल से अमृत कलश को भरकर प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवी की अगुवाई में कलश यात्रा का शुभारंभ किया। प्राचार्य ने मेरी माटी मेरा देश अभियान की जानकारी देते हुए यात्रा को शुरू किया।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनोद कुमारी,डॉ हिमांशु कांडपाल, डॉ अंजू सांगवा व डॉ सुनीता बिश्नोई ने स्वयं सेविकाओं के साथ मिलकर कलश यात्रा को पूरा किया। एक दिवसीय शिविर कार्यक्रम की विधिवत् शुरुआत करते हुए प्राचार्य प्रो. नंदिता सिंघवी, वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. इंदिरा गोस्वामी, प्रो. मंजू मीणा तथा आज के इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. गौरव बिस्सा,सह आचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज, बीकानेर तथा प्रो. नूरजहाँ,राजनीति विज्ञान विभाग, महारानी कन्या महाविद्यालय बीकानेर, ने सरस्वती माँ के चरणों में माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। प्रथम व्याख्यान की शुरुआत करते हुए डॉ गौरव बिस्सा ने छात्राओं को चरित्र निर्माण व सेल्फ मैनेजमेंट के गुर बताये।
उन्होंने जीवन में सफल होने के लिए सात महत्वपूर्ण सूत्र बताये कि बेकार कामों में ना फंसते हुए अपने समय को मैनेज किया जाए और कागज की किताबों को पढ़ना शुरू किया जाए ,सुधा मुर्ति का एक संस्मरण बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस घर में कागज की किताबें न हो वह व्यक्ति संसार में सबसे अधिक गरीब होता है। उनके अनुसार हमें अपने देश, संस्कृति, संस्कारों पर गर्व होना चाहिए साथ ही आत्म अनुशासन किसी भी क्षेत्र में आप को बेहतरीन बना सकता है। महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने नारी को मात्र शरीर नहीं अपितु वैज्ञानिक व धार्मिक दृष्टि से सर्वोत्तम लिंग बताया। महिलाओं को आर्थिक और मानसिक सौंदर्य को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उनके अनुसार खुद को ऊपरी दिखावे से नहीं अंतर्ज्ञान से साबित कीजिए व मन में किसी भी बात का अहंकार न होने दे।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए दूसरे व्याख्यान वक्ता महा विद्यालय के ही प्रो. नूरजहाँ ने छात्राओं को पंचायती राज़ व्यवस्था व ग्राम स्वराज की महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए गणेश स्तुति के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने छात्राओं को बताया कि राष्ट्र व समाज के निर्माण के लिये हम कटिबद्ध हो सके, इसीलिए राष्ट्रीय सेवा योजना का गठन किया गया है। उन्होंने सावित्रीबाई फुले के जीवन उदाहरणों से महिला शिक्षा का महत्त्व बताया तथा गाँधी जी, अरविन्द घोष आदि महानायकों के जीवन वृत्तांतों से देशप्रेम व समाज कल्याण के लिए सभी को प्रेरित किया। प्राचार्य डॉ सिंघवी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के ध्येय वाक्य ‘मैं नहीं आप’ का स्मरण करवाते हुए राष्ट्र व समाज की उन्नति हेतु प्रयासरत रहने की अपील छात्राओं से की। प्राचार्य ने बताया की जीवन में मेहनत करें और आगे बढ़ते रहें किंतु अपने विषय से भटके नहीं अपितु अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य को सदैव ध्यान में रखें साथ ही श्रीकृष्ण के मंत्र कर्म करो फल की इच्छा मत करो को अपने जीवन में ढालकर सूर्य की तरह सदैव चमकती रहें। उन्होंने भृतहरि के नीतिशतक की सूक्तियां छात्राओं को सुनाई। अंत में प्राचार्य महोदया ने अपनी माता जी की लिखी हुई एक रचना ‘प्रेरणा के पंख’ की पंक्तियों ‘बगुले से बादलों ने प्रेरणा के पंख दिए’ का गायन करते हुए हमेशा आशावादी बने रहने की महत्वपूर्ण सीख सेविकाओं को दी।
वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर मंजू मीणा ने चरित्र निर्माण में अनुशासन व सकारात्मक सोच का महत्त्व बताया। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉक्टर विनोद कुमारी ने आज के एक दिवसीय शिविर का उद्देश्य छात्राओं का चरित्र निर्माण देश के प्रति गौरवान्वित महसूस करवाना तथा ग्राम स्वराज के बारे में समझाना बताया तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन एन.एस एस. प्रोग्राम ऑफिसर व इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता बिश्नोई ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ हिमांशु कांडपाल, डॉ अंजू सांगवा, तनुजा कंवर, नीतू परिहार सलाहकार समिति के सदस्य व वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ संजू श्रीमाली, नैना टाक, चारों इकाई प्रतिनिधि हर्षिता शर्मा, खुशबू परिहार, पूजा सोनीवाल, विजयलक्ष्मी तथा समस्त एनएसएस छात्राएं उपस्थित रहीं। आज के शिविर में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा छात्राओं का जीरो बैलेंस अकाउंट खोला गया।