अभिनव न्यूज, नेटवर्क। हमारा राजस्थान एक रेगिस्तानी प्रदेश है। यहां की अधिकांश ग्रामीण जनसंख्या कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन करती है। किसान के लिए सबसे जरूरी चीज होती है- बरसात। बरसात किसान भाईयों की उम्मीदों को हरा- भरा कर देती है, लेकिन किसान के लिए बरसात का सही समय पर और सही मात्रा में होना जरूरी होता है। उचित समय पर ठीक मात्रा में होने वाली बरसात से ‘जमाना’ अच्छा होता है। बिजाई करने के बाद काश्तकार उम्मीद भरी नजरों से आसमान की ओर देखता रहता है।
उसकी आंखें काले- काले बादलों को तलाश करती है और कान मेघों की गर्जना सुनना चाहते हैं। भले ही आज के समय में नहरों से सिंचाई होने लगी है लेकिन आज भी हजारों काश्तकार बरसात पर ही निर्भर हैं। वर्तमान समय में भीषण गर्मी पड़ रही है। जन जीवन गर्मी से त्राहि- त्राहि कर रहा है। हमारे गांवों के जलाशय लगभग सूख चुके हैं। ढोर- डांगर भी हरी घास को तरसने लगे हैं। यह खेतों की सिंचाई के लिए बिल्कुल सही समय है।
हर किसान भाई इन दिनों इसी आसके साथ सुबह आंख खोलता है कि आज उसके खेतों पर इन्द्र देवता मेहरबान होंगे। वह अखबारों और मोबाइल पर बरसात होने की संभावना वाली खबरें ढूंढता है, उन्हें चाव से पढ़ता है। हालांकि राजस्थान के मौसम विभाग की भविष्यवाणी लगभग सही बैठती है लेकिन इस बार जब किसान को बरसात की सबसे ज्यादा उडीक है, तब मौसम विभाग की भविष्य वाणी सही साबित नहीं हो रही है।
काश्तकार रोज देवी- देवताओं को मना रहा है, भोग- प्रसाद की बोलवां कर रहा है ताकि शीघ्रता से उसके खेत में झमाझम बारिश हो। राजस्थान के मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक सप्ताह में मानसून प्रदेश के बड़े हिस्से में सक्रिय हो जाएगा यानी एक सप्ताह के अंदर बरसात की आपकी मनोकामना पूरी होने वाली है। बरसात के साथ ही धूल भरी आंधियां और कभी- कभी तूफान आने की भी संभावना है।