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Friday, November 22

आसमान को देखिए-चमकीले ग्रह परेड करते दिखेंगे, आज नहीं देखा तो फिर एक दशक करना होगा इंतजार

अभिनव न्यूज
Planetary Alignment
यानी ‘ग्रहों का संरेखण’ जिसमें पांच चमकीले ग्रह मंगलवार को एक साथ आसमान में परेड करते दिख रहे हैं। अबतक नहीं देखा तो देखिए ये अजूबा और दिलचस्प घटना , ज देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देगी। ये पांच ग्रह एक चाप यानी आसमान में एक आर्क का निर्माण करेंगे। इन ग्रहों में बृहस्पति, बुध, शुक्र, अरुण और मंगल ग्रह एक साथ एक ही दिशा में रात के आकाश में दिखाई देंगे। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लोग इस अनोखे आकाशीय दृश्य का आनंद लेंगे, मगर उत्तर, पश्चिम और दक्षिण के लोगों के लिए सभी पांच ग्रहों को देखना मुश्किल हो सकता है।

कोलकाता में एम.पी. बिड़ला तारामंडल के पूर्व निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने कहा, “सौर मंडल की हमारी समझ हमें बताती है कि ग्रह लगभग एक ही तल में सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। इस कारण कभी-कभी वे एक चाप या आकाश में एक सीधी रेखा का रूप भी ले लेते हैं। यह मंगलवार को होने जा रहा है।”

पूर्व निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने बताया कि ये सभी ग्रह एक चाप के रूप में बिना दूरबीन के भी दिखाई देंगे। बड़ी और छोटी दूरबीन से आप चाहें तो बेहतर दृश्य को देख सकते हैं। जानकारी के मुताबिक सूर्य के अस्त होने के बाद बृहस्पति और बुध थोड़े-थोड़े अंतराल में शाम के समय आकाश में अस्त हो जाएंगे।

डॉ. दुआरी ने कहा, “चूंकि भारत में पूर्व और उत्तर-पूर्व आकाश में सूर्य जल्दी अस्त होता है, इसलिए इन स्थानों के लोगों को बृहस्पति और बुध का एक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इन दो ग्रहों को पश्चिमी क्षितिज पर देख सकते हैं।”

कोलकाता में सूर्यास्त आज शाम 5.50 बजे होगा, जबकि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में सूरज आसमान से क्रमश: शाम 6.36 बजे, शाम 6.51 बजे और शाम 6.31 बजे गायब हो जाएगा। शाम के आकाश में एक बहुत चमकीला पिंड होगा – शुक्र। छोटी दूरबीनों की सहायता से शुक्र से उत्तर दिशा की ओर अरुण (यूरेनस) ग्रह को भी देखा जा सकता है। शुक्र और यूरेनस दोनों काफी लंबे समय तक आसमान में दिखाई देते रहेंगे।

दुआरी ने बताया, “शुक्र सूर्यास्त के कम से कम दो घंटे बाद अस्त होगा वहीं मंगल रात के आसमान में आधी रात तक रहेगा। मंगल के ठीक बगल में आज रात चंद्रमा को भी देखा जा सकता है।

दुआरी के मुताबिक, आखिरी बार यह घटना 24 जून, 2022 को हुई थी। ग्रहों का संरेखण’ कोई दुर्लभ घटना नहीं है। लेकिन यह एक प्यारी घटना है और हमें ब्रह्मांड में हमारे अस्तित्व की याद दिलाती है।”

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