अभिनव न्यूज
जयपुर। राजस्थान के कई हिस्सों में कल हुई तूफानी बारिश के बाद सलाह है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, आज बाहर जाने से बचें। आप घर पर ही रहें… क्योंकि खराब मौसम आज ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
इसकी वजह है 90 किमी से अधिक रफ्तार से आने वाली तूफानी हवाएं और बरसात।
मौसम विभाग के अलर्ट से डरना जरूरी है, क्योंकि इसी तरह की तूफानी हवाएं 25 मई की रात चली थीं, जिन्होंने कई घरों के चिराग बुझा दिए।
25 मई को 96 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चला व बिजली गिरी। बिगड़े मौसम ने 6 बच्चों सहित 17 लोगों की जान ले ली।
दीवार, पेड़ गिरने व आकाशीय बिजली के कारण टोंक में 12, बीकानेर में 2 और जयपुर, धौलपुर व दौसा में एक-एक मौत हो गई थी। करोड़ों का नुकसान हो गया था।
25 मई को तूफानी बारिश का असर सिर्फ 11 जिलों में था, वहीं मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार को सिस्टम में आया बदलाव राजस्थान के सभी जिलों को प्रभावित कर सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार 29 मई को दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक परिसंचरण तंत्र बना रहेगा। अब एक और नया पश्चिमी विक्षोभ 30 मई को सक्रिय होने के प्रबल आसार हैं।
ताऊ-ते तूफान से भी खतरनाक
25 मई को राजस्थान में 96 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं ने तबाही मचाई थी, जबकि 2021 में जब ताऊ-ते तूफान राजस्थान आया था, उस समय हवाओं की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा था। रविवार और सोमवार को 90 किमी की रफ्तार से अधिक तूफानी हवाओं और बारिश की आशंका जताई जा रही है। इस दौरान कई स्थानों पर बिजली गिर सकती है।
29 और 30 मई को डराने वाली भविष्यवाणी, अब तक क्या हुआ?
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 29 मई को बन रहे सिस्टम का प्रभाव लगभग पूरे राजस्थान में देखने को मिलेगा। सबसे ज्यादा असर जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर और कोटा रीजन में देखने को मिलेगा।
सिस्टम में आए बदलाव के कारण हवाओं की रफ्तार बढ़ जाएगी। कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। बिजली गिरने का भी डर है।
30 मई को जयपुर, उदयपुर, अजमेर, भरतपुर, कोटा संभाग के अधिकांश भागों में 50 से 70 Kmph स्पीड से अंधड़ आएंगे। बारिश के साथ बिजली भी गिर सकती है।
ऐसे में लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। बदले मौसम के कारण दिन के तापमान में 10 डिग्री और रात के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट आ सकती है।
28 मई को अब तक क्या हुआ?: देर रात को ही जयपुर, अजमेर सहित कई जिलों में 62 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। कई जगह पेड़ उखड़े। मानव जीवन के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ भी कहर बरपा। रविवार शाम 4 बजे तक झालावाड़, टोंक, कोटा सहित कई इलाकों में बारिश हुई। बीकानेर में 87 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। करंट की चपेट में आने से दो तेंदुओं की मौत हो गई। इससे पहले शनिवार को झुंझुनूं में तूफान से टिनशेड उड़ गया और किसान पर जाकर गिरा, चोट की वजह से उसकी मौत हो गई। वहीं, नागौर में 90 किमी की रफ्तार से हवा चली तो मोबाइल टावर धराशाई हो गया।
सबसे खतरनाक अंधड़, एक दिन में गई थी 41 जानें
राजस्थान में अंधड़ से हर साल दर्जनों मौतें होती हैं। राजस्थान में वर्ष 2018 में अंधड़ के दौरान हुए हादसों में 59 लोगों की मौत हो गई थी। उस साल 2 मई काे सबसे खतरनाक अंधड़ आया था।
मई में इससे पहले 2015 में अंधड़ ने 1 दिन में 12 और 2018 में एक दिन में 41 लोगों की जान ले ली थी। दोनों ही बार 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। करोड़ों का नुकसान हुआ था। उस समय 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक गति से हवाएं चली थीं। पूरे देश की बात करें तो 2 मई, 2018 को आए आंधी-तूफान ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई इलाकों में 120 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
राजस्थान में दो दिन पूर्व 25 मई को अब तक का सबसे तेज अंधड़ आया था, जिसने 17 लोगों की जान ले ली। इस दिन 96 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली थी।
वर्ष 2018 में अंधड़ से मौत के आंकड़ों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार तक को चौंका दिया था। पहले अंधड़ से होने वाली मौतों को आपदा में शामिल ही नहीं किया जाता था। लेकिन 2018 से अंधड़ को भी आपदा में शामिल किया और इससे मरने वालों को सहायता राशि दी जाने लगी।