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बीकानेर। क्या आपको भारतीय कलाओं में रुचि है, क्या आप कत्थक नृत्य सीखना चाहते हैं, क्या आपकी इच्छा है कि आपकी बिटिया भारतीय नृत्य और संगीत सीखकर संस्कृति को जीवित रखने में अपना योगदान देवे, यदि आपका जवाब ‘हां’ में है तो ये खबर आपके लिए ही है।
पाश्चात्य संस्कृति के हावी होने के इस दौर में भी कुछ लोग और संस्थान ऐसे हैं जो भारतीयता के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। जी हां, बीकानेर में प्राचीन कत्थक नृत्य शैली को नई पीढ़ी तक विधिवत पहुंचाने का काम कर रहा एक संस्थान है – कत्थक नृत्याश्रम। संस्थान के अमित सारस्वत कत्थक नृत्याश्रम के जरिए नई पीढ़ी को इस गौरवशाली नृत्य शैली के संस्कार दे रहे हैं। इस संस्थान में योग्य गुरुओं द्वारा कत्थक के विभिन्न कोर्स करवाए जाते हैं। यहां के विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण आयोजनों में गुणीजनों के सामने प्रस्तुति देने के अवसर भी मिलते हैं।
कत्थक नृत्याश्रम की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि संस्थान में जयपुर घराने का शुद्ध कत्थक सिखाया जाता है। यहां से डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और कत्थक में प्रथम वर्ष से लेकर एम. ए. तक के कोर्स करके विद्यार्थी कत्थक को करियर के रूप में भी अपना सकता है।
बीकानेर के करणी नगर में स्थित कत्थक नृत्याश्रम में सायं 4 बजे से 7 बजे तक नियमित कक्षाएं लगती हैं।अधिक जानकरी के लिए मोबाइल नंबर 9116336051 पर सम्पर्क किया जा सकता है।