Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Thursday, September 19

फिर पलायन को मजबूर कश्मीरी पंडित: में बोरिया-बिस्तर बांध घर छोड़ते दिखे, अधिकारियों से कहा- हमें सुरक्षित जगह ले चलो

अभिनव टाइम्स | घाटी से कश्मीरी पंडित बड़े पैमाने पर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं। अनंतनाग के मट्टन में गुरुवार को आतंकी हमलों से डरे पंडित अपना सामान लेकर बनिहाल (जम्मू) जाने की कोशिश में लग गए हैं। दैनिक भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक मट्टन पंडित कॉलोनी के लोगों ने अनंतनाग कलेक्टर से बनिहाल जाने के लिए सुरक्षा की मांग की है।

इधर, अनंतनाग के वैस्सू इलाके में भी कश्मीरी पंडित पलायन करने की तैयारी में हैं। पंडितों ने बताया कि वे सामान पैक कर चुके हैं, लेकिन सुरक्षाबलों के जवान कैंप से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। घाटी में लगातार हो रही वारदातों के बाद कश्मीरी पंडितों ने पलायन का अल्टीमेटम दिया था। कश्मीर में 19 दिन से पंडितों का प्रदर्शन चल रहा है।

सुरक्षा देने में सरकार नाकाम, कल से पलायन होगा
मट्टन में रह रहे कश्मीरी पंडित रंजन जोत्शी ने बताया कि रोज हमारे भाइयों को गोली मारा जा रहा है। सरकार सुरक्षा देने में नाकाम हो गई है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से हम लोग पलायन शुरू करेंगे, सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, रोक नहीं पाएगी।

एक अन्य कश्मीरी पंडित संजय कुमार भानू खराब होती सुरक्षा व्यवस्था से नाराज हैं। कॉलोनियों में कश्मीरी पंडित चीख-चीख कर कह रहे हैं- ‘मास माइग्रेशन इज द ओन्ली सॉल्यूशन’ यानी थोक में पलायन ही एकमात्र समाधान है।

संजय कहते हैं कि हमारी एक ही मांग है कि हमें जम्मू निकलने दिया जाए। जब मामला स्थिर होगा तब देखेंगे कि आगे क्या करना है। सरकार हमें बनिहाल टनल तक जाने के लिए सुरक्षा प्रदान करे। संजय ने बताया कि आज सुबह ही कश्मीरी पंडितों की 20-30 गाड़ियां जम्मू के लिए निकल चुकी हैं। अगर हालात बेहतर नहीं हुए तो पलायन और रफ्तार पकड़ेगा।

गृह मंत्रालय के मुताबिक अगस्त 2019 से मार्च 2022 तक, 4 कश्मीरी पंडितों और 14 /हिन्दू और गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हो चुकी है।

हिंदू कर्मचारियों के ट्रांसफर का फैसला

जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का फैसला किया है। हिंदू कर्मचारी मांग कर रहे थे कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए, लेकिन फिलहाल प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय लाने की तैयारी की है।

रजनीबाला की हत्या पर प्रदर्शन जारी

कुलगाम में एक हिंदू शिक्षक रजनी बाला की हत्या पर विरोध प्रदर्शन जारी है। रजनी की अंतिम यात्रा के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारी बुधवार को भी सड़कों पर उतर आए थे और ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। मंगलवार सुबह कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में हाई स्कूल टीचर रजनी बाला की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। 36 साल की रजनी को सिर में गोलियां लगी थीं। कुलगाम की रहने वाली टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया।

21 दिन में 6 टारगेट किलिंग

जम्मू-कश्मीर में पिछले 20 दिनों में 6 टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। 12 मई को बडगाम में राहुल भट्ट (सरकारी कर्मचारी), 13 मई को पुलवामा में रियाज अहमद ठाकोर (पुलिसकर्मी), 24 मई को सैफुल्लाह कादरी (कांस्टेबल), 25 मई को अमरीन भट्ट (टीवी आर्टिस्ट) और 31 मई को कुलगाम में रजनी बाला (टीचर) की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

1990 में हुआ था कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा पलायन

1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा पलायन हुआ था। गृह मंत्रालय के मुताबिक 1990 में 219 कश्मीरी पंडित हमले में मारे गए थे, जिसके बाद पंडितों का पलायन शुरू हुआ। एक अनुमान के मुताबिक 1 लाख 20 हजार कश्मीरी पंडितों ने घाटी से उस समय पलायन किया था।

Click to listen highlighted text!